दिल के कई मुकाम बाकी है
ठंडी सी तेरे संग शाम बाकी है
आगाज तो हुई हुई जिदंगी तेरे बगैर
अभी तो तेरे संग अंजाम बाकी है-
अकेलापन अब अपना लगता हैं
इस दुनियां का खेल सब सपना लगता है
हकीकत तो यही है कि सब खुदपरस्त है
दिखाने के लिए तो हर कोई अपना लगता है-
जो संग रहे तो सांसों सा चलेंगे
जो बिछड़े तो आंसुओ में बहेंगे
की फिर मिलेंगे तो नज़रे मिलेंगी नहीं
और एक दुसरे को हम अजनबी कहेंगे-
ये वादें, ये कसमें, ये रिश्ते ये नाते,
अफवाहें हैं ये, ये हैं दिलासे,
दर्द ए दिल हम अपना फकत किसको बताते,
की बस जी रहे है गम अपना सबसे छिपाते।-
मेरी आदतों से मिलती तेरी आदतों ने
मुझे तेरी आदत लगाई हैं
तेरे गुस्से में छुपे अपनेपन ने
मुझसे बुरी संगते दूर भगाई है
क्या चाहूं क्या मांगू तेरे सिवा
तू ही आरजू, तू ही तमन्ना तू ही मेरे कण कण में समाई हैं-
मेरी हसी,मेरी खुशी,मुझे चैन तेरे होने से है
मेरा दुख,मेरी तकलीफ,मुझे डर तुझे खोने से हैं
जो था,जो हुआ वो भूतकाल था जाना
मगर मेरा वर्तमान,मेरा भविष्य खुशहाल और मुझे सुकून तेरे होने से हैं
सिर्फ तेरे होने से है।-
खुशियों में शामिल जिन दोस्तो की तादाद होती है
गमों में वही अकेलेपन की सौगात होती है
अगर जिंदगी में तुम जैसे दोस्त का साथ मिल जाए
तो ज़िंदगी बर्बाद नही आबाद होती है।
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फिलहाल तो खुशियों की प्यास में तड़प रहा हैं दिल हर पल
नहीं दिख रहा खुशियों का सवेरा आजकल
पता नहीं कभी मुस्कुरा भी पाऊंगा या नहीं दिल से
या फिर यू ही तड़पते तड़पते दम तोड़ देगा दिल-
एक पल भी दूर रहना ना गवारा है
मुहब्बत से कहीं बढ़कर रिश्ता हमारा है
चिन्ता,परवाह,हक नीव हैं हमारे रिश्ते की
बनते हर घड़ी एक दूसरे का सहारा है
यह कुछ वक्त का साथ नहीं है
ये रिश्ता हमारा टाइम पास नहीं है
माना लड़ते झगड़ते है हर पल हम
पर एक दूसरे से बढ़ कर हमारी जिंदगी में
कोई ख़ास नहीं है।-
कुछ पलों में रुलाती गई जिंदगी
कुछ पलों में जीना सीख लिए
खुशियों में साथ निभाती गई दुनिया
गमों में अकेला रहना सीख लिए
कुछ की आंखों में खटकने लगे हम भी
कुछ की आंखों में चमकना सिख लिए
कुछ कुछ करते बहुत कुछ हो गया
तालाब से थमे थे हम भी
अब नदियों में भी बहना हम सिख लिए-