इस होली मुझे रंगने की तमाम कोशिशें नाकाम है....
जो इश्क में रंगा है उसे रंगना कहा आसान है....??-
हमें क्या जरूरत तीर-तलवारों की
हथियारों की
हम मुस्कुरा भी दें तो कत्ल-ए-आम हो जाये-
"फ़ोन की घंटी "
फ़ोन की घंटी बजी
आटा गूँधती नैना ने
रिसीवर उठा कर
बात करनी चाही
हेल्लो के जवाब में
बस कुछ सांसे थरथराई
कुछ पहचानी सी
आवाज़े
कुछ अपनी सी
खुशबू
नैना की आँखे भर आई
शहर बदल देने से
रिश्ते तो नही टूटे न
आज फिर उसी वक़्त फ़ोन की घंटी बजी हैं
नैना की सांसे इस वक़्त अटकी हुयी हैं .
#Neelima
#nivia-
वैसे तो मिले, हर मोड़ पर बहुत लोग मिले
कुछ वो भी मिले जो ना चाहते हुए भी मिले
मैं खामोशी से परखती रही सबकी फ़ितरत
फिर उठ उनके गले मिली जो तबियत से मिले
#Nivia-
शाम आज फिर से है नाराज़ क्या करूँ
आँखें भी तो नम है बेहिसाब क्या करूँ
आते जाते लोग क्यूँ पूछ रहे मेरा मिजाज़
चीख रहा हूँ कब से बिन आवाज़ क्या करूँ-
शुभ दीपावली
आप सभी स्नेही मित्रों को तथा
आपके परिवार को
प्रजापति परिवार {kumar azad}
की ओर से दीपावली की
हार्दिक शुभकामनाएं
आप सभी का स्नेह तथा
आशिर्वाद बना रहेगा
ऐसी आशा है।-
मैं खुद नीली हूँ
मुझे क्या परिभाषित करेगा कोई
अपने अपने लफ़्ज़ों में-
प्रश्न अनकहे
जवाब अनसुने
तथ्य एक
परिभाषा भिन्न
प्रेम प्रगाढ़
फासले अनंत
फिर भी जुड़े
रिश्तो के सिलसिले
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