जब सफर में कभी गाड़ी खराब हो जाए।
आपको पता न हो कि आगे कैसे जाना है?
कहाँ जाना है? क्या करना है?
तो एक ही रास्ता बचता है।
जहाँ हो उसी रास्ते के
आसपास के नज़ारे देखकर
मन बहलाओ और किसी से
मदद का इंतज़ार।-
🎙️Host The Creative Zindagi Podcast
📚 Book 'Sh... read more
नौकरी का मिलना
या न मिलना
आपकी काबिलियत
से ज़्यादा
नौकरी देने वाले की
ज़रूरत तय करती है।-
ज़िंदगी,
गिलहरी सी होती है।
कब किस पल फुदक कर
बाउंड्री के उस पार निकल जाए
पता नहीं चलता।
तो जब तक
मौका मिल रहा है
मन बहला लीजिए।-
ग़म चाहे जितना भारी हो।
एक हल्की सी ख़ुशी की,
गुंजाइश तो रहती है।
रात चाहे जितनी सियाह हो।
एक चमकती चाँदनी की,
गुंजाइश तो रहती है।
हालात चाहे जितने नासाज़ हों,
एक दिन सुधर जाने की,
गुंजाइश तो रहती है।-
ग़म चाहे जितना भारी हो।
एक हल्की सी ख़ुशी की,
गुंजाइश तो रहती है।
रात चाहे जितनी सियाह हो।
एक चमकती चाँदनी की,
गुंजाइश तो रहती है।
हालात चाहे जितने नासाज़ हों,
एक दिन सुधर जाने की,
गुंजाइश तो रहती है।-
ग़म चाहे जितना भारी हो।
एक हल्की सी ख़ुशी की,
गुंजाइश तो रहती है।
रात चाहे जितनी सियाह हो।
एक चमकती चाँदनी की,
गुंजाइश तो रहती है।
हालात चाहे जितने नासाज़ हों,
एक दिन सुधर जाने की,
गुंजाइश तो रहती है।-
ग़म चाहे जितना भारी हो।
एक हल्की सी ख़ुशी की,
गुंजाइश तो रहती है।
रात चाहे जितनी सियाह हो।
एक चमकती चाँदनी की,
गुंजाइश तो रहती है।
हालात चाहे जितने नासाज़ हों,
एक दिन सुधर जाने की,
गुंजाइश तो रहती है।-
ग़म चाहे जितना भारी हो।
एक हल्की सी ख़ुशी की,
गुंजाइश तो रहती है।
रात चाहे जितनी सियाह हो।
एक चमकती चाँदनी की,
गुंजाइश तो रहती है।
हालात चाहे जितने नासाज़ हों,
एक दिन सुधर जाने की,
गुंजाइश तो रहती है।-
ग़म चाहे जितना भारी हो।
एक हल्की सी ख़ुशी की,
गुंजाइश तो रहती है।
रात चाहे जितनी सियाह हो।
एक चमकती चाँदनी की,
गुंजाइश तो रहती है।
हालात चाहे जितने नासाज़ हों,
एक दिन सुधर जाने की,
गुंजाइश तो रहती है।-
ग़म चाहे जितना भारी हो।
एक हल्की सी ख़ुशी की,
गुंजाइश तो रहती है।
रात चाहे जितनी सियाह हो।
एक चमकती चाँदनी की,
गुंजाइश तो रहती है।
हालात चाहे जितने नासाज़ हों,
एक दिन सुधर जाने की,
गुंजाइश तो रहती है।-