why to cry?
when you can write.-
तुम रख लो वो निशानी हूं मैं
समंदर का गहरा पानी हूं मैं...
ख्वाबों में खोई दीवानी हूं मैं
कविताओं की अपनी जुबानी हूं मैं
तुम कर दो वो नादानी हूं मैं...
मोहब्बत सी रूहानी हूं मैं
समझ से परे अनजानी हूं मैं...
कुछ पन्नों की कहानी हूं मैं-
माना तू मेरे हिस्से में कम है
क्योंकि मेरी जिंदगी में भरे बस गम है.
मैं तुझे अपने गमो से मिलाना नही चाहता
तू खुश रहे मैं तुझे रुलाना नही चाहता__
पर एक दिन तू मेरे हिस्से में आ जाएगी
मेरे जिक्र के हर किस्से में तू आ जाएगी__-
Teri Meri Akhri Mulaqat
Aj Tak Yaad Hai..!
Do Kadam Chalna Fir
Vapis Aa Jana Mere Kol..!-
आंखें पढ़ो और जानो हमारी रज़ा क्या है
हर बात लफ़ज़ों से बयान हो, तो मज़ा क्या है-
रोती तो नहीं हूँ , बस मुस्कुराना भूल गयी हूँ
पहले की तरह अब मैं, जीना भूल गयी हूँ
जाने किस बात की सोच में, खोयी सी रहती हूँ
खामोश रहने लगी हूँ, अपनी बकबक भूल गयी हूँ
लोगों से अब दिल मेरा, शिकायत का नहीं करता
कोई है भी क्या अपना? मैं ये भी भूल गयी हूँ
सहम सी गयी हूँ मैं, अंदर से जाने क्यूँ
एक अरसे से खुलके, मैं हसना भूल गयी हूँ
दिल मेरा भी करता है, ख्वाब हकीकत हो मेरे
जबसे टूटी हूँ, ख्वाब सजाना भूल गयी हूँ ।
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How can i manage situations that are difficult for me?
If yes,then how can i find the right key?-
तू कतरे में भी पूरा है,
मैं दरिया भी कम पड़ जाता हूं।
पहले फीका सा जीता था,
अब रौशन हूं, चमचमाता हूं।
ये शोख सी सादगी तेरी,
जिस पर मिटता मैं जाता हूं;
तू कतरे में भी पूरा है,
मैं दरिया भी कम पड़ जाता हूं।
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Aap Humse wafa mangte ho
Ye kesy badduaa mangte ho
Dimag thikane py to hai naa
Pagal ho yeh kya mangte ho-