सोचा थोड़ा निभाऊं अपना फ़र्ज़,
'माँ' थोड़ा चुकाऊं तेरी ममता का कर्ज!
निकला ढूंढने और मैं अपनी इच्छा पूरी करने पे अड़ गया,
पर इस जँहा में तेरा स्नेह ढकने को आसमाँ भी कम पड़ गया!-
#Mom lover
Part -2
Tere aanchal se apna chehera poachuu
Isiliye sayad towel cupboard mai chupa kar mere samne khadi ho jaati hai
Hota hai agar kuch bhi mujhe to na jaane kyu sinne mai khalbali Teri machh jaati hai
Choot lagti hai mujhe
Aur tu ek housewife se ek MBBS doctor mai badal jaati hai
Your works can never be compared by us Maa
Tabhi na sayad aadhi raat mai jab mujhe daar lagta hai
To tu Apne kamre se uthkar mujhe jhapiya dekar sulane aa jati hai-
माँ वो पेड़ है
जिसकी छाया जितनी दूर जाओ
उतनी ज़्यादा होती जाती है।-
माँ ❤
अपनी नींद उड़ा कर, मुझे गहरी नींद सुलाती है वो
इतने गम होने के बावजूद, क्यों अपना दर्द छुपाती है वो
पापा ❤
अपनी ज़रूरत भुला कर,मेरी सारी ज़रूरत पूरी करते है वो
बहुत खुशनसीब है वो लोग, जिनके घर प्यारी मूरत है वो-
खाली बटुआ लिए फिरता हूँ फिर भी अमीर लगता हूँ,
छुपा कर उसमें एक, माँ की तस्वीर रखता हूँ ।।
-
पाप के प्रश्न
"एक पुत्र अपनी ही माँ को
नोचकर क्यों खा रहा है?"
पाप रोकर पापियों से
प्रश्न करने जा रहा है!
"क्यों लगाते हो कलंक
भूखे शिशु के चोख पर?
क्यों गिरा देते हो बिजली
अपनी माँ की कोख पर?"
(पूरी कविता अनुशीर्षक में पढ़ें)-
लपेट कर मैले कपड़े में
अपनी रोटी वो बाँध लाता है।
बहुत ख़ुशी से अपनी माँ
के हाथों का पकवान वो खाता है।
महंगे खाने को भी लोग नाम रख लेते है
वो रोज वही खा कर तृप्त हो जाता है।-
यारों के ठहाकों में,
माँ की सिसकियाँ सुन न सका।
अच्छा दोस्त वो हर किसी का बन गया,
एक अच्छा बेटा बन न सका।-