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यूँ ही नहीं खिलता कमल ख़ूबसूरत, कीचड़ में ख़ुद को नहलाना पड़ता है ,
यूँ ही नहीं चमकता चेहरा तबस्सुम से, आँखों को बेहद रुलाना पड़ता है ।।-
kya misal dun us ki ke rab ne use jo kamal di.....
Hai MAA woh hasti logo!
Jis ke kadmo me rab ne jannat daal di-
बोतल की जिन्दगी में बवाल देखा
पी के जो हमने देखा कमाल देखा
खुदा बता मैं ही बर्बाद क्यूँ?
हर चेहरे पे यही सवाल देखा
वो अपनी ही नज़रों में गिर गया
बिछड़ के उसने जब हमारा हाल देखा
भले लोग देखे हमने बहोत
फिर मकड़ी का जाल देखा
उम्र गुजारी पाप के सौदे में
मौत के वक़्त महाकाल देखा
देखा इक चेहरा भीड़ में
दिन-रात फिर उसका ख्याल देखा-
Kamaal ka taana de rha hai aaj Dil
Koi tera hai to kahann haii.-
Saal to har saal baad badalta haii.
Duaa haii ke iss saal sarkar (SAW) ki ummat ka haal badal jaye.-
अजीब मानसिक स्थिति बन जाती है जरुरत के समय।
अगर हमे प्यास लगी हो तो बाकी सभी को देखकर उसके पास झील का एहसास होता है।
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कच्ची डोर के साथ उड़ जाए वो इश्क क्या..
उम्र आने पर जो कंधा दे वो कमाल होता है..
पक्की रूह में जो संग चले वो इश्क क्या..
झुर्रियों पर जो लेप बने वो कमाल होता हैं..-
वो जूड़े में भी अच्छी लगती है
वो चोटी में भी अच्छी लगती है,
मगर जब वो बाल खोलकर रखती है
तो क्या कमाल की लगती है।-
इश्क की उम्र नहीं होती न कोई दौर होता है
इश्क तो इश्क है जब होता है बेहिसाब होता है
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मुस्कुराहटों से शुरू आँसुओ पर खत्म
फिर रंज -गम तन्हाई और मलाल है
रूह तक को कर दे जख्मी
इश्क.... वाकई कमाल है!-