कभी-कभी इंसान........ :)
ना बोलता है,
ना सुनता है,
बस ख़ामोश हो जाता है।।-
इन्सान भी कुछ यूँ बदल जाता है,
कल क्या आज कुछ हो जाता है।।
कल तक पास आकर ख़ुश होता,
आज दूर से ही सरक जाता है।।
कल तक दिल में हुआ करता था,
वो दिमाग से भी निकल जाता है।।
कल तक मासूम - सा लगता था,
आज वो हैवान - सा हो जाता है।।
क्यूँ कोई किसी का दिल तोड़,
इन्सान से पत्थर बना जाता है।।-
इंसान :- रंग रूप, हैसियत, पैसा,
जात पात ,धर्म , गोत्र, गुण ..
ईश्वर :- कर्म ..
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Insan ho ya haiwan
Akhir kis haq se li tune us bacche ki jaan
Jiski to thi bhi nai is duniya pe abhi pehchan
Akhir kyun li tune us nanhi si jaan ki jaan
Lanat h tujhpe-e- insaan
Tune li kaise akhir ek bezubaan ki jaan
Us bezubaan ko maar kr kaisi bahaduri h teri
Agr khuda chahe to abhi khtm ho jayegi yeh teri zindagi puri ki puri
Kitni choti soch h teri yeh aaj dikha di tune
Us bezubaan ko maar apni aukaat pure jahan ko akhir dikha di hi tune
Are tu ek baar bata to us nanhi si jaan ne tera kya bigada tha
Jo uski zindagi shuru hone se pehle hi khtm kr di tune-
प्रेम प्राकृतिक (ईश्वर) की बनाई हुई
एक बहुत ही सहज रेसिपी है जिसमें एक दूसरे के लिए
जीवन पर्यंत प्रेम विश्वास और समर्पण मात्र पर्याप्त है..
लोगों ने उस में तरह-तरह के मसाले मिलाकर भद्दा बना दिया है___✍️-
साँसे साथ नहीं,
दे रही है !
आजकल मेरी,
खुद की !
फिर तुम तो ठहरे,
इंसान यार !
तुम्हारा छोड़ जाना,
तो यथार्थ है !!-
...गर हमें सिर्फ सुखद घटनाएं हिं मिले
तो हमारा जीवन विरक्ति से गतिहीन हो जाएगा।
हम पत्थर से बन जाएंगे
इसलिए प्रकृति हमें समय- समय पर छोटी सी चुभन देती रहती है!!
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