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उन बेजुबानों की छोटी सी उम्मीद....
एक रोटी का टुकड़ा ....🥪🥯
. एक बार जरूर पढ़े ...
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Read caption ...☺️-
अगर आप शिक्षित हैं तो अपने बहुमूल्य समय का एक घंटा गरीबों के लिए निःशुल्क शिक्षा के लिए प्रदान करें।
आपका दिया यह एक घंटा न जाने कितनों का मार्गदर्शन बन सकता है।
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Dear Mahadev!
please help me
I need a person
who never get
tired of me.-
छोटी बड़ी अनहोनी छू कर निकल जाती है;
ना जाने कितने बुजुर्गो ने सर पर हाथ फेरे हैं।-
हर घडी
छोटी सी रोह
जेल में बंद पड़ी,
लोगो की आंखे बंद पड़ी,
दिमाग में गंद पड़ी,
ये अवाम है सरफिरी
ये नफरत किस के सर चड़ी,
ये घटना घटी
जो मुझे नास्तिक कर चली,-
आज कल रोटियां कम कम खा रहा हूं साहब,
मौसम बदल रहे हैं, कुछ गर्म कपड़े लाने हैं !!
آج کل روٹیاں کم کم کھا رہا ہوں صاحب..
موسم بدل رہے ہیں,کچھ گرم کپڑے لانے ہیں !!-
एक समय था जब मुझे माता की तरह पूजा जाता था
और आज मुझे कहीं जिंदा दफनाया जा रहा है...
तो कहीं नुकेली जैसे अस्त्र से प्रहार किया जा रहा है ..
सड़को पर खुला घूमने का शौक नहीं मजबूर हूं।
जहां हमारी हर रोज दर्दनाक मौते होती है ।
वो नुकीले तार मेरे जिस्म मैं घुसना और
मेरा दर्द से चीखना तुम इंसानों को दिखता कहा है....
मेरी इसी हालत का जिम्मेदार इंसान तू ही है.....
जो इन्सान के भेष अब मुझे दानव नजर आता है ।
मुझे जीने दो मुझ पर अत्याचार बंद करो
मुझे भी हक है । 😥🥺-
फुर्सत मिले औरों से तो निगाहे इधर भी कर लेना
सुना है गरीबो की यादें बड़ी अनमोल होती है-