कभी कहते थे, वो मिलो न हमसे कोई देख लेगा
आज शहर बेजान हैं तो मिलने की जिद्द करते हैं-
Din main hi khwab dekhte rah gaye
Jante the ki vo Nahi aayenge
Phir bhi na jaane Kyu
Hum ek mulakat ko taraste rah gaye
Raat hui to unka khayal aaya hai
Jisne hume Saari raat jagaya hai
Unhe laga ki hum so rahe honge
Pr unhe kya maaloom hum to
Raat bhar karwatain badalte rah gaye
Unke aane ki umeed main
Hum raaste ko hi niharte rah gaye
Or Na Jane Kyu
hum ek mulakat ko taraste rah gaye-
आंखों
की फर्माइश,
हुजूर की
हुस्न
परस्ती
मिल गई,
बाकी करने
को कुछ
बचा क्या!
लूट गई
दिल्ली
दिल के हाथों!
माफ करो
महाराज
ताज बन के
तैयार है!-
तेरे सारे दर्द को
अपना बनाना चाहता हूँ
तेरे हर गम को
तुझसे दूर ले जाना चाहता हूँ
जाँ भी देनी पड़े
बदले में अपनी तो कोई फ़िक्र नहीं
तेरे लबों पर मैं
उस हँसी को सजाना चाहता हूँ-
कितनी सादी है मेरी तमन्नाऍ ,
उसको देख लेने को मुलाकात समझ लेता हूं...!!🥀-
ना शाम को पता है रात कब होगी
कई दिन हो गए उनसे बात कब होगी
तरसते है हम उनके एक दीदार को
दिल बार बार ये पूछता है मुलाक़ात कब होगी।
- thoughtsby_me
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🤗एक मुलाकात😜
कुछ गलत होने वाला था उस दिन,
मेरी बायी आँखें फरक रही थी।
फिर मैं टकराया एक हुस्न से,
मन विचलित दिल धड़क रही थी।
दिल ने कहा कुछ सब्र करो,
मन को थामो न खुद का कब्र करो।
कुछ साँसें लो और जाने दो,
ये प्यार मुसीबत ना आने दो।
ये बाबू सोना सब भासण है,
कुछ दिन का ये सब झासन है।
मैंने ना मानी दिल की बात,
पहली फुर्सत में कह दी जजबात।
फिर वो मुस्काई देख हालात,
बोली चल मेरे साथ।
दोस्तों कट गया मेरा भी,
अब हस रही पुरी कायनात।
फिर याद आयी मुझे वो बात,
बायीं आँखों की हालात।
दिल ने कहा मैंने तो अपना काम किया,
इस मन ने तुझे बदनाम किया।-
नजरें उनसे कुछ युं मिली की पल वो थम सा गया,
हमें इल्म भी न हुई की बातों बातों में कब वो अजनबी दिल में घर कर गया....-
Wo mohabbat hi kya jiski manzil paas ho, na milne ka yakeen ho phir bhi milne ki aas ho,
Ek mulakaat kuch aisi ho aur wo do pal humesha ke liye yaad ho.....-