QUOTES ON #DAGABAAZ

#dagabaaz quotes

Trending | Latest
26 JUN 2024 AT 22:08

बात हो तो कैसे हो
वो तो रातों में सो जाते हैं

दिन में रहते मशरूफ वो
अपने काम में खो जाते हैं

कहने को तो मोहब्बत करते हैं हमसे
सिर्फ हमसे करते हैं ये वो भूल जाते हैं

-


14 JAN 2019 AT 16:05

Koi to wajah do tumse nafrat krna ki
Tumhe dagabaj kehne ki....

-


20 JUN 2020 AT 9:14

शायरी के लिए कुछ खास नहीं चाहिए
एक यार चाहिए और वो भी दगाबाज चाहिए

-


17 JUL 2020 AT 14:21

न कर तू नैनो से दगाबाज...
बना ले हमें अपनी हमराज़...

-


24 MAY 2021 AT 21:53

अपनी शायरी में खुद को कैसा किरदार दिया जाये,,
किसी को वफादार-दगाबाज किस हद तक कहा जाये,,
अब तुम ही बताओं ना गालिब,,
इश्क़ और महबूब मे किसे बेवफा कहा जाये.....!!

-


29 MAY 2020 AT 9:52


जो प्रेम स्त्री के अंगों के उभार से पनपता है...
स्त्री को ये भ्रम की मैं ही सबसे नायाब ऐसा लगता है..
तो ख्याल रहे ये कोई ईश्वर का वरदान नहीं है..ये सबके पास है...
ऐसे प्रेमियों का मन बदलता ही रहता है!!

-


12 MAY 2024 AT 23:04

यूं तो तुम्हारी मेहरबानी थी ,
फिर भी इश्क में थोड़ी गद्दारी थी।
ना जाने क्यों हम तुमसे इश्क ना कर पाए,
शायद तुम पर किसी ओर की मेहरबानी थी।।

-


23 MAY 2020 AT 9:41

उठा लो दुपट्टे को जमीन से कही दाग ना लग जाये
पर्दे में रखो चेहरे को कही आग ना लग जाये।

-


28 DEC 2020 AT 3:24

हर बार दग़ा देते हैं💔
हम तो हर सख़्श को ही,दोस्तों की तरह अपना लेते हैं..
बहुत बड़ा है हमारा दिल,सबको दिल मे जगह देते हैं..
दिल के रिश्ते दिमाग़ से निभाना,होता नही गवारा हमें ..
पर कमज़र्फ बहुत है दुनिया में,हमें हर बार दग़ा देते हैं..

ज्यादा कुछ नही हमारे पास,पर प्यार और वफ़ा देते हैं..
जिसे अपना मानते हैं उसके,सारे ग़म हम चुरा लेते हैं..
कुछ नामुराद जाने क्यों,हमें अपना दुश्मन समझते हैं..
पर हम दुश्मनों सज़ा नही देते,बस अहसान चढ़ा देते हैं..

यूँ तो सब साथ हैं पर अक्सर,ख़ुद को तनहा ही पाते हैं..
भीड़ बाले लोग दिल की गहराई तक कहाँ आ पाते हैं..
न हैरां हैं न परेशान हैं हम,बस जद्दोजहद बस एक है..
की जो हमारे दिल से उतर गए,वो जगह कहाँ पाते हैं..

मुफ़लिसी,बेतरतीबी,अक्कड़पन में वक़्त गुजार लेते हैं..
वफ़ा,दग़ा,तन्हाई से जो मिला,कागज़ पर उतार देते हैं..

-


20 APR 2021 AT 20:56

इस गुमनाम रिश्ते को क्या नाम दूं ,
तेरे नाम से भी नफरत है
लेकिन तलब मिलने की
अभी भी जिंदा है ,
प्यार वो कहीं दफन हो चुका है
बस तेरी यादें हैं जो हमे जला रही है ,
तन्हा रहने में हमे कोई नाराजगी नहीं है
फिर भी तेरी बाहों में समा
जाने का फितूर जिंदा है ।

-