बड़े नाराज से लग रहे हो,कोई सिकवा गिला है क्या
आज तो बातें भी दिल जलाने वाली कर रहे हो...
कोई और मिला हैं क्या।-
दौर कागजी था पर देर तक खतों मे जज्बात
महफूज रहते थे,आज उम्र भर की यादें भी
एक अंगुली से डिलीट हो जाती है।-
काफी दिनों बाद आज मैने फिर से कलम उठायी है..
कहा जाओगी बेवफाओ,अब तुम्हारी सामत आयी है।-
क्या वक्त है जनाब..
जिन्हें हम अपना समझते थे वही वक्त आने पर तमाम बातें बना रहे,बाकी जो बेगाने थे वो आज अपनेपन का एहसास दिला रहे।-
छोटी सी जिंदगी ने मुझे बहुत कुछ सिखाया है अब तो हर शख्स हमे हमारी हदे बता रहा, शायद वक्त ही ऐसा आया है।
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दिल मे एक बेचैनी है सोचा बता दूं ,आज महफ़िल में वो भी आये थे..आते ही बोले प्यार है तुमसे।
अब आप ही बताओ,उनकी की हुई बेवफाई को कैसे भूला दू।-
हमने लिखना छोड़ा था,सोचा ऐसे उन्हें भूला देंगे।
पर हमें क्या पता था.. मुद्दतो बाद फिर से उनकी यादें दस्तक देंगी,और हम फिर से कलम उठा लेंगे।-
जितना गहरा प्यार होगा उतना ही गहरा दर्द होगा,
और ये तब होगा..जब जान से प्यारा कोई हमदर्द
होगा।-
क्या-क्या बताऊँ तुम्हे अपने बारे में,ये जिंदगी जहाँ थी अभी भी वही थमी है।तुम सोचते होगे मेरी आँखों इतनी नम क्यू हैै,अरे इसकी वजह तुम नही..तुम्हारी ही कमी है।
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