Lalit shrivastava Journalist   (ललित श्रीवास्तव"शब्दवंशी)
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Joined 23 November 2020


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Joined 23 November 2020
10 JUN 2023 AT 7:49

🙏🙏😍😍

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4 JUN 2023 AT 20:29

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13 MAY 2023 AT 23:48

🙏🙏❤

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17 APR 2023 AT 14:47

काश फिर वही तीरगी हो,वही शमा,वही माकूलियत हो..
तेरी बाहों का कुनून हो और,फिर से वही कबूलियत हो..

तेरे आगोश से निकल तो आए हैं पर असर नही गया..
आज भी इर्दगिर्द जैसे तेरी बाहों की ही गर्महाट हो..

तेरे बाद भी बाहें और मिलीं पर उनमे वह सुकूँ कहाँ..
ख्वाहिश है के सबमे वह तेरी बाली ही खाशियत हो..

तू फासिला तो गई मुझे,यादों का काफिला ले जा सनम..
मै फिर हो जाऊँ खुशहाल,मेरी फिर से वही तबीयत हो..

फिर से हम अजनबी हों और मै खोजूँ किसी अपने को..
फिर हो वह पहला दीदार और फिर से वही मोहब्बत हो..

फिर से दुनिया नई लगे,फिर से हम मिलें फिजाओं मे..
फिर गुल खिलें आशिकी के,फिर से वही माहियत हो..

इतनी ही ख्वाहिश है मेरी,मुझ पर वही तेरी इनायत हो..
तेरी बाहों का कुनून हो और,फिर से वही कबूलियत हो..

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16 APR 2023 AT 13:28

मिले जबाब कुछ पुराने लेकिन पैदा नए सवाल हुए..
नकमियाबी तक के सफ़र मे,अनुभव बेमिशाल हुए..

कभी सामना था जहाँ से कभी अपनो की मिन्नत से..
डगर डगर पर मिली चुनौती,लड़े बहुत ही हिम्मत से..

सबको समझ न आती है,ख्वाब पूरे करने की कशक..
नकारात्मक दुनिया मे जीत की हमने पाली थी ठसक..

हम बढ़ते रहे आगे जाने क्यों सबके चेहरे लाल हुए..
नकमियाबी तक के सफ़र मे,अनुभव बेमिशाल हुए..

जिस जीने मे कोई लक्ष्य नही एसा जीना क्या जीना है..
जीतें तो अमृत मिलेगा वरना हार का विष भी पीना है..

यही सोचकर निकले थे,घर बैठे तो फतह नही होती..
हर बार जंग लड़ने की यहाँ जीत ही वजह नही होती..

जो घर बैठे वो हमपे हँसे,हम लड़कर के निहाल हुए..
नकमियाबी तक के सफ़र मे,अनुभव बेमिशाल हुए..

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15 APR 2023 AT 17:42

मै कश्ती तू पतवार मेरी, मै साजन तू साजनिया है..
मेरे दिल को सुकूँ जो देती है,तू मेरी दूसरी दुनिया है..

जो दिखता हूँ मै वही नही मुझमे एक सख्स और भी है..
दुनिया से क्या लेना हमे,तेरा-मेरा जहाँ एक और भी है..

तेरी ख्वाहिश मै मेरी कशिश है तू,मुझे तुझमे ही तो खोना है..
तेरी जुल्फों की घनेरी छाँव तले तेरी बाहों मे सिमटकर सोना है..

कसम रसम की डोर बिना,तेरा जोगी मै,तू जोगनिया है..
मेरे दिल को सुकूँ जो देती है,तू मेरी दूसरी दुनिया है..

दो साँसे एक हो जाएं सनम,दो प्यास मिलें बुझ जाएं सनम..
बस मेरी प्रीत बनकर रहना,कभी भूल मुझे न करना सितम..

मेरे दिल मे बसा जो प्रेमी है,वो तेरी प्रीत पर जीता है..
मै सार हूँ तेरी मोहब्बत का,तू मेरे इश्क की गीता है..

एक दूजे बिन हममें साज नही, मैं घुंघरू तू पैजनिया है..
मेरे दिल को सुकूँ जो देती है,तू मेरी दूसरी दुनिया है..

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14 APR 2023 AT 22:57

तेरी हरकत मे तेरी हसरत मे मेरा ही अक्स शुमार है..
मेरे दिल मे भी मेरी रूह मे भी तेरा ही छाया खुमार है..
हमे जुदा कर सकें इतनी इन फ़ासिलों मे हिम्मत नही..
मेरा वजूद मेरी जानेमन तेरे इश्क का दिया उधार है..❤

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14 APR 2023 AT 22:44

मेरे आने की आश लगाए रखना..
मेरी बाहों की प्यास जगाए रखना..
तेरे विश्वास पर कायम हैं सांसें मेरी..
मेरे नाम का चराग़ जलाये रखना..

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14 APR 2023 AT 21:57

तेरे गम मे यह अश्कों की रिमझिम बरसात है यह ..
तूने जो इश्क मे दी है मुझे वही बेदर्द सौगात है यह..
मेरी बेइंतहा मोहब्बत ने हवाओं मे घोल रखी खुशबु..
तेरी बेवफाई से जो उपजी वही गमो की बौछार है यह..

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14 APR 2023 AT 12:38

ख्वाबों मे मिलता तुझसे,जैसे मिलता हूँ हुबहु..
यादों की फरियाद है जानम आ जाए तू रूबरू..

कहती हैं यादें हाथों मे मेरे फिर से तेरा हाथ हो..
फिर से वही पुरानी वाली,धीमी सी बरसात हो..

भीगी सी तेरी जुल्फों को,उँगलियों से सँवारूं मै..
तुझे बचाने बारिस से फिर अपनी शर्ट उतारूँ मै..

वो वक़्त दोबारा जी लूँ मै,दिल की है ये आरजू..
यादों की फरियाद है जानम आ जाए तू रूबरू..

यूं तो अक्सर खिलता है,तेरी यादों का गुलशन..
पर के यह दूरी जाना ,मेरा सिसक जाता है मन..

फिर वही जिंदगी जीना है,फिर तेरे इश्क मे खाना है..
तू मेरे गमों को बिसरा दे,तेरी गोद मे सर रख रोना है..

जियूँ मरुँ तेरी बाहों मे,मेरी है यही एक जुस्तजू..
यादों की फरियाद है जानम आ जाए तू रूबरू..

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