तुम हो ब्राह्मण ,तेज धरो ।।
शिखा सहित मस्तिष्क पर तिलक धरो।
नतमस्तक होगी दुनिया तुम्हारे आगे ।
तुम ब्राह्मोचित जैसे कर्तव्यों तो करो।-
भक्ति भाव की ऐसी धारा,
जो सुमिरे उतरे उस पारा,
कलयुग केवल नाम आधारा,
हरि सुमिरन, हरि कीर्तन सारा ।।
नारायण दीन दयाल स्वामी जगदीश हरे ।।
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मेरा शिखा रखना गुनाह हो गया।
में समाज मे जैसे कोई खिलौना हो गया।
कैसी मानसिकता हो रही सनातनियों की।
अब धर्म का पालन ही मजाक हो गया।-
सूफी मन है जिस्म मगन है
ग़ज़लें कहना मेरा फन है
इसपे तू यूँ मगरूर न हो
ढल जाएगा जो यौवन है
बस कस्तूरी को खोज रहा
मेरे अन्दर एक हिरन है
पापी मत बोलो तुम उसको
वेदों का ज्ञाता रावन है
जन कल्यान है कर्तव्य तिरा
सारँग तू जन्म से बामन है-
🚩हम "पंडित" है बेटे🚩,
🔫 हम पिस्टल भी रखते हैं🔫 ,
⚔️तलवार भी रखते हैं⚔️,
हम शांत है तो सुदामा है।
मगर हमें अशांत मत करना,
वरना हमें रावण बनने में देर नहीं लगेगी।
अगर हमारा किरदार बदल गया तो,
हम पूरी दुनिया बदल देंगे।🌍-
बिरहमन के सरों पर गलतियाँ दे दीं नजूमी की
ये मत कहना के दुनिया में नजूमी कुछ नही होता-
रहते हैं आस-पास ही लेकिन पास नहीं होते,
कुछ लोग मुझसे जलते हैं बस ख़ाक नहीं होते.....!!!
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अगर कोई कहे_की मै
मौत से नहीं डरता,
या तो वो झूठ बोलता है
या तो वो ब्राह्मण है।-