-ख़याली चाय-
तुमने पुर्सिश न की
हम भी चुप रहे..
कुछ बातें फ़ितरतन शर्मीली होती हैं
चाहती तो हैं बेहिजाब होना पर
किसी "पहल" के इंतज़ार में रहती हैं...
अब तो ये इंतज़ार ही इश्क़ में है
इन बातों के... और ये बातें, मारे घूटन के
अब ख़ामोशी पहन रही हैं...
......
......
सच ही तो है...
जज़्बा-ए-बेख़याली अकेला क़ातिल है
न जाने कितने मासूम जज़्बातों के...
.......
ख़ुदा करे.. इस मग़रूर बेख़याली को
बस बेख़याली ही नसीब हो...
और मासूमियत बरकरार रहे
लहज़ों में,, रिश्तों में...
जज़्बातों में,, हमेशा..
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ये वाला quote मेरा पतानी...
कौन डिलीट कर... दिया....
बहुत काफी गुस्सा आ रहा हैं...-
बेख़याली में उनकी ज़ुबां से हमारा नाम सुना है
वग़र्ना तो हम उनके लिए शायद अनजान है-
तिश्नगी में भी तेरा ही ध्यान आये
तू नहीं है मेरी हवाओं से ये बयान आये
बेख़याली में भी तेरा ही ख़याल आये
क्यूं तुझे मेरा होना नहीं ये सवाल आये...-
''yrrr' kabhi bechaini toh kabhi bekhayali mein jiya raat hone ke baad...
Aik raat bhi nahi soya sukoon se tumse bichad jaane ke baad......!-
Bekhayali Song Ki Tarah Ho Gyi Hai Meri Zindagi,
Dard Ke Iss Samundar Mai Sukoon Kahin Kho Gyi hai...
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Mera ishq to dekho
Bekhayali me bhi humko har pal usika ka khayal aata hai
Magar usko khayalo me mera khayal nhi aata hai-
"दया**
मुझपे बस एक दया कर दो,,
मैं न जैसे पहले था,,मुझे बस,,,
वैसा कर दो,,और कुछ भी नहीं,,🖤🖤-
"कुछ यादें"
वो दिन अभी भी मुझे याद हैं...
जब तुम ठंडी के दिन में नहा कर..
अपने बालो को छत पे सुखाने जाती थी...
वो भी क्या दिन थे,,तुमको देखने के लिए....
मैं तुम्हारी राह देखता था....-