मेरे भी कई ख्वाब थे......!!
पर वो ख्वाब ख्वाब ही रह गए ,
पड़ना चाहती थी मैं .......!!
स्कूल जाने के लिए पैसे नही थे ;
खेलना कूदना चाहती थी में
पर घर के हालात देख के बाल मजदूरी करनी पड़ी ;
परिंदों की तरह उड़ना चाहती थी मैं;
पर इस गरीबी ने मेरे पर ही काट दिए ;
आसमान को छूना चाहती थी मैं ,
पर घर पर छत ही नही थी , निहारती ही रेह गयी मैं उस बड़े से आसमान को ;
खुशी क्या होती है ??
महसूस करना चाहती थी मैं भी ,
" पर गरीबो के नसीब मैं खुशी कहा , है तो सिर्फ वो छोटा सा दूख ओर अंधेरे से भरा संसार"
" दोस्तो कभी अगर आप ज्यादा अमीर हो जाओ न तो किसी गरीब बच्चे की कोई छोटी से ख्वाइश पूरी करके देखना ,आपको उस समय जो अंदर से खुशी मिलेगी न , वो खुशी आपको शायद वास्तव मैं ख़ुशी क्या होती है उसका एहसास दिलाएगी "
Shallu badoni-
सही काम के लिए समय मिलेगा नहीं,
ज़िन्दगी से छीनना पड़ेगा।
छीनने का बल दिखाएँ।
-
मनुष्य के पास 'विद्या' है, तभी उसने श्रेष्ठ जीवन जिया
शेर के पास 'बल' है मगर वो जानवर ही रहा ।-
यह घुंघराले बाल,
यह नशीली आंखे,
यह रसीले होठ,
और
यह गोरे गोरे गाल,
करे मेरे दिल का बुरा हाल।-
بل کھا رہی ہے زلف جو رخ پہ سنبھالئے
دل سے تو جا چکے ہیں کہیں جاں چلی نہ جائے-
AP to R1 : इस Patient का बाल लेना पडेगा !!
R1(innocently) : पर हम इसके बाल💇 का क्या करेंगे, sir ??!😮😯
AP : अरे, मैं BAL(BronchoAlveolar Lavage) की बात कर रहा हूँ !!!!😬😣😣
😂🙉😂🙉😂-
ये कहना गलत नहीं होगा की बल तुममे हम लड़कियों से ज्यादा होता है
पर ये कहना भी सही होगा की सहन शक्ति का लेवल हम लड़कियों में तुमसे कही ज्यादा होता है
-