तुम मत रंगों उनके रंग में,
कभी तुम भी तो उन्हें रंगो अपने रंग में,
कुछ तुम उनकी सुनो,
कुछ अपनी भी उन्हें सुनाओ,
ये छोटी सी जिंदगी ही तो हैं,
कोई तुम्हारी बात ना माने,
तो कभी कभी दायरा को पार कर जाओ,
ना जाने अलगे पल किस मोड़ पे हो हम,
इस पल को तो हँस कर बीताओ..!
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