Attachment Become an Obsession
&
Obsession Become an Addiction-
❤دُھندلا سا چہرہ دیکھا ہے خواب میں
جس شخص سے تعلق کا وعدہ رہا تھا
برسوں کا💔
Naushia🖤
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Never lose hope...
Just like river which never stops and no one can stop the river to reach its destination....
Like that no one can stop the ray of hope reaching to you when you are lost in the dark forest of demotivation....-
Some friend are
like Strawberry ..
They help you
improve
your lovelife
and Fitness ...-
Sometimes
when I get lost,
I find my way back
I check the location ..
Google Map shows me
A way to back ..-
तन मन धन अर्पण कर करता वो देश की सेवा है.
कि अपनी जाँ तक जो देश को निछावर कर देता है.
क्या उन फौजियों का दर्द तुम समझते हो ??
डटे रहता है जो दिन रात सीमा पर.
घर बार छोड़ जो करता देश की सेवा है.
क्या उन आर्मियों का दर्द तुम समझते हो ??
जो भारत माँ की सुरक्षा को अपनी माँ के आँचल से दूर हो जाता है.
जो नई नवेली दुल्हन की मेहँदी उतरने तक भी नहीं रुक पाता है.
क्या उन सेनाओं का दर्द तुम समझते हो ??
कि सो पाए अमन चैन से बच्चे हमारे वो.
अपने बच्चों को अकेला छोड़ जाता है.
बूढ़े बाबा की सेवा चाह कर भी नहीं कर पाता है ??
अपनी इच्छाओं को छोड़ वो देश की सेवा करता है.
क्या उन वीर जवानों का दर्द तुम समझते हो.
करते हो राजनीती भाई भाई को तुम लड़ाते हो??
फिर अपनी सान बढ़ाने को सीमा पर जवान मरवाते हो.
दे देते हो उनकी बेवा को चन्द पैसे तुम बदले में.
क्या उन माँ ,उन परिवार, शहीदों का दर्द तुम समझते हो ??
वो रात अंधेरों में भी डट कर जान की बाजी लगाते हैं.
तब जा कर सुकून से हम दिवाली यहाँ मनाते हैं.
वो खून की बलिदानी दे कर देश की आन बचाते हैं.
और यहाँ हम रंगों की नीतू होली खूब मनाते हैं.
वो होली दिवाली में घर से दूर रहते है क्या उन सिपाहियों का दर्द तुम समझते हो ??-
उतरने लगा है रंग देश भक्ति का ,DP भी बदलने लगी है !
लगता है नौजवानों आजादी की शाम अब ढलने लगी है !!-
Your beauty will not decide your character
It is your character which will decide your beauty !-
सुना है इश्क़ लिखने लगा है हर शख्स आजकल ..
दिल लगता है सारा शहर लैला-मजनू हो गया है !!-
बिन चाँद जैसे आसमां सुना है !
उसके बिना मेरा जहाँ सुना है !!
जैसे चाँद के दीवाने है तारे वहाँ !
मेरी जाँ के भी सब हैं दीवाने यहाँ !!
इक रोज शाम छत पे मिला वो मुझे !
जैसे चाँद कहीं आसमां से मिला हो !!
खिल गया रुख मेरा उसके छुवन से !
जैसे चाँद से चांदनी का नूर खिला हो !!
हाँ मिलता नहीं है चाँद हर किसी को जहाँ में !
वो मिला है ऐसे जैसे मुझे कोई चाँद मिला हो !!
छूप गयी मै इक रोज मेरी जाँ की बाँहों में !
जैसे चाँद छुपता है बादल की छाँव में !!
और फिर इश्क़ मेरा परवान चढ़ गया !
जैसे बादल की आगोश में चाँद चढ़ गया !!
फिर दो जिस्म इक जान हो गये हम !
जैसे चाँद की चांदनी उनके चाँद हो गये हम !!
हुई जो सुबह फिर हम जुदा हो गये !
जैसे चाँद बिन तन्हा आसमां हो गये !!
कुछ ऐसा रहा इश्क़ किस्सा हमारा !
जैसे चाँद बिन सुना हो आसमां बेचारा !!
इंतजार है अब तो फिर वही शाम आये !
ले के चाँद अभी फिर मेरा चाँद आये !!
फिर सजें रातें इश्क़ से जुगनुओं की !
फिर तितलियों की चांदनी शाम आये !!-