The best of me
Is Baat se inkaar nahi
Tamam umr sirf Tumse
hi mohabbat ka wada
Humne qaraar kiya tha.
Tu badala, Waqt badala,
chehere badle or badale sehar .
Dusre Dafa se pehle magar
humne jaana,Ek hi kirdaar
se ishq hazaar baar kiya tha.-
Ye zindagi......
खुल कर जीना हैं मुझे,,,
फिर ये दिल क्यों धड़कने से डरता हैं,,।।।
कभी लगता हैं साथ हैं पूरा जहां,,,
कभी क्यों अकेला सा लगता हैं,,।।
कभी सबके ख़्वाब लगते हैं अपने से,,,
कभी काँच जैसे लगते हैं बिखरे से ,,।।
कभी दो पल में रुला देती हैं,,
कभी खुल कर हँसा देती हैं..
ये ज़िन्दगी हर मोड़ पर मुझे क्यों दग़ा देती हैं,,
Lafz-e-Allu
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"जुबां पे लाना जरूरी है "
(रक्षाबंधन पर विशेष)
अनमोल होते हैं दो मीठे बोल
होठों पे सजाना जरूरी है ,
दबा के ना रखो दिल के अहसास
जुबां पे लाना जरूरी है ....
थके हुए तन के साथ जो
दिन -रात तुम्हारे लिए खटती है ,
दर्द को छुपाए आँखों में
बस तुम्हारे लिए ही हँसती है ,
उस माँ के गले लगकर
जज्बात दिखाना जरूरी है ,
तुम जैसा कोई नही इस जहां में
यह जतलाना जरूरी है ....
आधी रात भी तत्पर रहते
करे ना नींद की तनिक परवाह ,
फूलों जैसा तुम्हें संभाला
दी आशीर्वाद की शीतल छाँव,
जिन हाथों में बचपन खेला
उन्हें चूमना जरूरी है ,
पापा आप हो बहुत खास
यह बतलाना जरूरी है ....🌷निशि 🌷
शेष अनुशीर्षक में जरूर पढ़े .......
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" कुछ दिल की बातें "
जिनसे हम नाराज होते हैं
फिर भी उन्ही का दामन थामते हैं ...
क्योंकि ये दिल के रिश्ते हैं
इतनी जल्दी हार कहाँ मानते हैं ....
कभी कभी तड़पता है दिल
उनकी ऐसी बेरूखी पर
मगर नादान हैं ...यह कहकर
हम भी हँसी में टालते हैं ....😊
भूल जाते हैं सभी गिले-शिकवे
जरा उनके मनाने पर
क्योंकि बेवजह की नाराजगी
हम भी नही पालते हैं .......निशि 🍁🍁-
Tujse hu mai
Tera hu mai
Tujme hu mai
Mujme hai tuu
Tu he hu
Sirf tuu...-
'माँ' क्या होती है मुझे नहीं पता
मैंने 'माँ' के नाम पर सिर्फ उसकी तस्वीरों को देखा है...
बहुत कुछ छीना है मेरे मुकद्दर ने मुझसे
हर बार हारकर मैंने सिर्फ लकीरों को देखा है
ज़िंदगी के इस शतरंज में 'माँ' से बड़ा कोई वज़ीर नहीं
यकीन मानो मैंने तमाम किस्म के वजीरों को देखा है
मैंने दुनिया देखी है दुनियादारी देखी है
मुहब्बत देखी है हर किस्म की यारी देखी है
वफ़ा देखी है गद्दारी देखी है
भीख मांगते हुए मैंने यहाँ अमीरों को देखा है
लोगों के मरते मैंने जमीरों को देखा है
मगर 'माँ' क्या होती है मुझे नहीं पता
मैंने 'माँ' के नाम पर सिर्फ उसकी तस्वीरों को देखा है-
एक दोस्त हरामी
तो एक बहुत शरीफ हैं
हम तीनों की दोस्ती देख
लोग कहते हैं तीनो कुछ
ज़्यादा ही अजीब हैं 😂-
यारी मुहब्बत नशा वफ़ा सब कर चुका हूँ मैं
हर बुरी ज़िल्लत से होकर गुज़र चुका हूँ मैं
इससे ज्यादा भी मेरा कोई क्या बिगाड़ेगा
मौत से पहले कई मर्तबा मर चुका हूँ मैं
कोई वर्षों पुराना इक वादा निभाने की कश्मकश में
साहिब मेरी सारी सल्तनत जल गयी
और ये मिर्ज़े-रांझो वाली दुनिया इल्जाम लगाती है मुझपर
कि कर-कर वादे तमाम किस्म के मुकर चुका हूँ
बहुत इंतजार किया था किसी का
मगर कोई मुड़कर नहीं आया
फिर मैं भी कई वरस अपने घर नहीं आया
ऐसे रूठा था कोई कि अब क्या बताऊं साहिब
आज भी मेरी लकीरों में मेरा मुकद्दर नहीं आया
खैर अब कोई लौट भी आये तो क्या फ़र्क़ पड़ता है
अब अपनी कहानी में आगे बढ़ चुका हूँ मैं
यारी मुहब्बत नशा वफ़ा सब कर चुका हूँ मैं
हर बुरी ज़िल्लत से होकर गुज़र चुका हूँ मैं-
आठवनीचा कोंडमारा हा लेखनीच्या प्रवास सुरू आसताना याच्या सोबत
"एक उनाड प्रेमकथा"
"एक माणुस जो दररोज प्रेमात पडतो"
"माझी काॅरंटाईन डायरी"
"पावसात भिजायचं राहु नये म्हणुन"
ह्या पुस्तरूपी लेक्षणाचा प्रवास चालु आहे.
ह्या लीखान लवकरच आपल्या भेटीला घेऊन येत आहोत.
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एक बालक ने क्रोध उदय कर दिया
हमें उसे अपशब्द कहना पड़ा।
आप सम्मान देंगे,
मैं आपको सम्मान दूंगा।
चाहे आप कचरा आदमी हो,
या किसी विश्वविद्यालय के अध्यक्ष।...
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