वो वादे कर मुकर गये
कुछ सपने थे जो बिखर गये
जो दिल में थे कभी
अब नज़रो से वो उतर गये
ज़िन्दगी की तलाश में हम
अपनी खुशियाँ ही निगल गये
जो साथ देने वाले थे ज़िन्दगी भर
वो कुछ दुर साथ चले
फिर हमसे आगे निकल गये
हाथ थामा, दिलासा दिया
उम्मीद का चिराग जलाकर
वो कुछ ही पल में बदल गये
हाँ ज़िन्दगी की तलाश में
हम अपनी खुशियाँ निगल गये।।
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