मैं थक गयी हूँ
इस दौर से
बहुत कुछ खो चुकी हूँ
हाथों की इस डोर से
अब बस की नहीं मेरे
सहन करना
मैं थक गयी हूँ कान्हा
जीवन की इस दौड़ से-
होठों से लगी बंसी तो सखियां
सुध-बुध भूल गई, दौड़ी आई
यमुना तट पर इक दूजे को
निहारती.-
आज बत्तीसवां दिन लोकडाउन का,
एक-एक दिन कम हो रहे हैं लोकडाउन के,
आज किताब पढ़ी और अंताक्षरी खेली,
बस इन्तजार है सब ठीक हो जायेगा,
सभी पहले की तरह आजादी से घूमेंगे,
यह डर का साया जल्दी खत्म होगा..।-
सुरज को देखा दिन मे
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चाँद को देखा रात मे
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तुमको देखा दिन मे
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ओर नींद को भुला दिया रात मे
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.sayar # #727-
चाँद और शाम का रिश्ता
जैसा तुझ संग नाम का रिश्ता
वक़्त पे ठुकरा दिया था
अब क्या कहें किस काम का रिश्ता-
#उसकी_मर्जी
पहाड़ की ऊंचाई कम आंकते हो,
दूसरे के दामन में क्यूं झांकते हो
सामने वाला जर्रा हो सकता है
और जर्रा तूफान उठा सकता है।
#जर्रा_और_तूफान
#727/31/7/21-
भविष्य का रास्ता वर्तमान में मिल रही तक़लीफ़ों से ही सँवरता है, उन्हीं तक़लीफ़ों से कुछ न कुछ सीखने को मिलता है जो भविष्य में अवश्य काम आता है
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Ishq kiya hai toh tabaahi se mat darr,
Aur tabaah hi hona hai toh jam kar ishq kar-
You are the artist of your life.
Don't give the brush to anyone else.-