चलो इक साथ बिछड़ते हैं,
किसी मोड़ पर फिर मिल जाने के लिए
सुना है रेल की पटरियां भी हैं मिलती
साथ साथ सफर तय करते करते
कही दूर अनजान स्टेशन पर
जहां से आगे रास्ता होता नहीं
एक बार फिर मिल जाने के लिए
चलो एकं साथ बिछड़ते हैं
किसी दोराहे पर फिर मिल जाने के लिए।
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#तुम्हारा_अच्छा_होना_गुनाह_जैसा_है
राह के पत्थर की तरह,ठोकरें खाते रहिए
तुम्हारा अच्छा होना गुनाह जैसा है
जो खुरदुरे होते तो शायद बचते जाते
तुम्हारा सीधा होना गुनाह जैसा है
जो जज्बात जज़्ब करते हंसते हंसाते
नसीब में उनके जख्म पाना,सबाब जैसा है
ये भी ठीक है कि,सब हिसाब बराबर होता
जिल्लत,किल्लत में जी पाना,सबाब जैसा है।-
एक हसरत नहीं होती पूरी
तुम फेहरिस्त की बात करते हो
एक तारा मिलना मयस्सर नहीं
तुम पूरे आसमान की बात करते हो
सुकून का एक कश मिलना मुश्किल
हवाओं और तूफान की बात करते हो
इस खुदगर्ज जमाने में कोई दोस्त नहीं
तुम पूरी महफिल की बात करते हो।-
की दुनिया अजायबखाना है
फिर हर कोई क्यूं इसका दीवाना है
सफर अनजान सबको आना जाना है
फिर हर कोई क्यूं इतना बेगाना है
जिंदगी का दर्द ओ ग़म से याराना है
फिर हर कोई क्यूं इतना अनजाना है
हमेशा कहां रहना किसी का ठिकाना है
फिर हर किसी को क्यूं आजमाना है
कभी जिंदगी,कभी मौत को जीत जाना है
सही कहते हो तुम की दुनिया अजायबखाना है।-
मोहब्बत हो ही जाती है,चोट खाने के बाद
जैसे हिना रंग लाती है,बहुत पिसे जाने के बाद।-
सहूलत हो गई है,ए जिंदगी तुमसे मिलने के बाद
बहुत वीरान थी,आबाद हुई तुमसे मिलने के बाद
दिक्कतें कम,खुशहाली मिली,तुमसे मिलने के बाद
जिंदगी के मायने समझ आए,तुमसे मिलने के बाद-
बदलाव की फेहरिस्तों से दूर ,खुद सुलझो
बीती बातों में मत उलझो
खुद के आइने में खुदी को जानो,बूझो
बीती बातों में मत उलझो
खुद को मनाओ,खुदी से रुठो
बीती बातों में मत उलझो
खुद को जानो खुदी को समझो
बीती बातों में मत उलझो।-
#वक्त_आने_पर
जब अपनी न सुनी जाए तो,चुप हो जाना
जरूरी नहीं हर मुबाहिसे में जीत,ही जाना
तुम्हारी कदर ,तुम्हारे किरदार से आती है
चुप रह के भी,कई जंगे जीती जाती हैं
क्या हुआ जो तुम्हे कर दिया, दरकिनार
वक्त आने पर ही काम आते,कई औजार
माना की ये वक्त है बेसबब,बदल जाएगा
हौसला है तो हर हाल में परचम लहराएगा।-
मंजिल जानने की कोशिश,सफलता की आशा
मंजिल तक पहुंच पाने की यात्रा,प्रत्याशा
मंजिल पाकर ,पूर्णता का अहसास
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