#खुद_जिए_तो_क्या_जिए
तुम्हे अपने ख्वाबों से होगा वास्ता
हमारा है दीन ओ दुनियादारी का रास्ता
तुम्हारा कल होगा,बहुत अच्छा शायद
हमे तो चंद परिंदों को करना है आजाद
गुलामी की जंजीरें जिनकी मुश्किल से टूटी
किस्मत जिनकी थी आज तक रूठी
हमारा रब से,कुदरत से,दुनियावी उसूलों से
बहुत गहरा है नाता ,रिवायत ओ रसूलों से
जो हो जिंदा,महसूस करना दर्द ए गुरबत को
जरूरी नहीं कि हर शख्स,दर्द में रोता हो
कुछ मुस्कुरा कर भी ,दर्द बांट लेते हैं
जिदंगी दूसरों की,खुशनुमा बना देते हैं।
#नई_स्याही
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बात अनुभव की है
जिंदगी रोज,नए फलसफे सिखा रही है
हम बदले,बदलते,बदस्तूर चले जा रहे है
लोग आईना लेकर,चेहरा देखते रहते है
हम चेहरे बदल कर बखूबी मुस्कुरा रहे है
दिल के जज्बात केवल,कलम जान रही है
दिल के गुब्बार,निकलने की जगह तलाशते है
लोग हमें ख़ुशदिल खुशमिजाज जानते है
उन्हें क्या मालूम दिल पे नेज़ो के घाव तारी हैं
जिदंगी है,मालूम है,जीना फिर भी भारी है।-
फ़रेब
क्या है,नहीं जानते थे
उनसे मिले,जानने लगे
तुम्हारे फरहांग में लफ्ज़ होगा
फरेब का तफसरा बयान कर देगा
रूह ए आईना भी तुम्हे फ़रेबी कहेगा ।
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#कुछ_गड्ढे_छोड़_दिया_करिए
कुछ गड्ढे आप भर दिया करिए
और
कुछ गड्ढे छोड़ दिया करिए
ताकि
तल्खियों का अहसास रह जाए
और
दिलो दिमाग पर गुरूर छाने न पाए।-
#वो_जनाब_कहां_जाएं
खामोशियों का कोई तो, सिला होगा
तुम जहां खोए,उसका कोई पता होगा
सुना है रात के अंधेरे अब, तुम्हे डराते हैं
जिन्हें जिंदगी डराए,वो जनाब कहां जाएं
गुमनाम महफिलों से, अपना पता पूछता हूं
शहर में खो ग़या हूं,घर औ सुकून ढूंढता हूं
जहां तेरी यादें न हो, ऐसी जगह ढूंढता हूं।
#नई_स्याही-
#दरीचे_सब_खुले_छोड़_आया
पुराने ख्वाब सब,दफ्न कर आया
आज मैं अपना,शहर छोड़ आया
तुम्हारे जख्म, होंगे कम शायद
मैं अपने जिगर में,नमक रख आया
तुम्हारे नाम के,कसीदे क्या पढ़ना
मैं पुरानी किताबें,फना कर आया
चला आया ,दूर बहुत ख्वाबों से
मैं अपने राज सब ,दफ्न कर आया
तुम्हारे ख्वाब अच्छे थे,भूल आया
अपने दरिचे सब,खुले छोड़ आया।
#नई_स्याही-
#जिंदगी_और_जुबां_पर_ताले
किसी कमजर्क को बर्दाश्त करना,
बड़ा हौसला होता है जनाब
आप को मालूम होता,सच है क्या
जुबान पे ताले मुंह बंद हैं रखते
क्या जिंदगी होती है जनाब,
जीते है दिन गिन,गिन कर के
किसी जलजले के अचानक
आ जाने के इंतजार में।
#जिंदगी_और_फलसफे
#नई_स्याही-
चलो, फिर से कोशिश करते हैं
गिरे,फिर से संभलते चलते हैं
तुम्हारे शब्द याद आते हैं
हिम्मत रखना सिखाते है
लोग तमाशबीन होते है
किसी के गिरने में हंसते है
उनको उठ कर के, दिखाना होगा
कोशिशें गौर करने को, जमाना होगा
खुदी को खुद से,आजमाना होगा।-
नई दुनिया बनाने का विचार, छोड़ दिया
खुद को सुधारने का विचार, छेड़ दिया
हमने दूसरों की खामियां,गिनना छोड़ दिया
जबसे आइने से गुफ्तगू,करना शुरू किया
नई दुनिया बनाना, नुमाइंदों पर छोड़ दिया
बहुत गौर कर खुद,इंसान बनना शुरू किया।
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