लोक गीत मेरे रामलला के लिएदेखो लयके करेजा सबको भाज गयोकौशल्या को लल्ला विराज गयोदर्शन को पूरा समाज गयोरामलल्ला अवध में विराज गयोअंखियन में हैं सरयू समाये रहींदर्शन होय गए ई बताए रहींजौ जीवन धन्य भी आज भयोरामलल्ला अवध में विराज गयोलल्ला कु नज़र ना लगे जैह्येसब मिल के बलाएं लै लह्येमन नाचत झूमत साज भयोहमरो लल्ला अवध में विराज गयोबोलिए श्री अवध बिहारीलाल की जय -
लोक गीत मेरे रामलला के लिएदेखो लयके करेजा सबको भाज गयोकौशल्या को लल्ला विराज गयोदर्शन को पूरा समाज गयोरामलल्ला अवध में विराज गयोअंखियन में हैं सरयू समाये रहींदर्शन होय गए ई बताए रहींजौ जीवन धन्य भी आज भयोरामलल्ला अवध में विराज गयोलल्ला कु नज़र ना लगे जैह्येसब मिल के बलाएं लै लह्येमन नाचत झूमत साज भयोहमरो लल्ला अवध में विराज गयोबोलिए श्री अवध बिहारीलाल की जय
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जिंदगी वो धारा हैजिसका तुम इक किनारा होमेरी कश्ती की तुम हो खिवईयाराधा तुम ही सहारा होजितना तुमने दिया लाडली जूस्वपन में भी नहीं मैंने सोचापलकें होकर सजल कह रही हैंहमको दर्शन दुबारा होश्याम जिनके चरण में हैं बैठेमुग्ध होकर महावर लगानेकर रहें हैं अरज हे किशोरीअब से हर क्षण तुम्हारा हो -
जिंदगी वो धारा हैजिसका तुम इक किनारा होमेरी कश्ती की तुम हो खिवईयाराधा तुम ही सहारा होजितना तुमने दिया लाडली जूस्वपन में भी नहीं मैंने सोचापलकें होकर सजल कह रही हैंहमको दर्शन दुबारा होश्याम जिनके चरण में हैं बैठेमुग्ध होकर महावर लगानेकर रहें हैं अरज हे किशोरीअब से हर क्षण तुम्हारा हो
ये समर इस जहां में नया हैक्या कहूं क्या रहा क्या गया हैलिख रहा हूं मैं बस ये करम हैऔर यही मेरा हाल-ए-बयां है -
ये समर इस जहां में नया हैक्या कहूं क्या रहा क्या गया हैलिख रहा हूं मैं बस ये करम हैऔर यही मेरा हाल-ए-बयां है
जानकर सब कुछ अंजान बने रहोखुश रहो इंसान हो इंसान बने रहो -
जानकर सब कुछ अंजान बने रहोखुश रहो इंसान हो इंसान बने रहो
क़लम उठाई है लिखने को हम तैयार बैठे हैंपर क्या करें ख़्वाबों पे सिपहसालार बैठे हैं -
क़लम उठाई है लिखने को हम तैयार बैठे हैंपर क्या करें ख़्वाबों पे सिपहसालार बैठे हैं
जैसी परिस्थिति है वैसे रह रहे हैंदिल खोल के राधा कृष्ण कह रहे हैंप्रारब्ध के खेल को हँस हँस के सह रहे हैंदिल खोल के राधा कृष्ण कह रहे हैं -
जैसी परिस्थिति है वैसे रह रहे हैंदिल खोल के राधा कृष्ण कह रहे हैंप्रारब्ध के खेल को हँस हँस के सह रहे हैंदिल खोल के राधा कृष्ण कह रहे हैं
पैग़ाम-ए-इश्क़इस जहां में ज़रा नाम कर लोमेरा इतना कहा काम कर लो जो दिखानी दिलेरी हो तुमकोइश्क़ तुम अब खुले आम कर लोइश्क में यूं बहुत कुछ कहा हैदिल ने भी तो यहां सब सहा हैजो बिताते हो अब खाली शामेंउनको भी तुम मेरे नाम कर लोसीख कर तुम कदम आगे रखनामेरे जैसा ही दिल हो परखनाइश्क़ का ये सफ़र अब नया हैफिर खुमारी का वो जाम भर लोजो भी बीता हुआ मेरा कल थाठीक था अच्छा था मेरा दिल थाखुश रहो दिल से ये ही दुआ हैलिख दिया है ये पैगाम पढ़ लो -
पैग़ाम-ए-इश्क़इस जहां में ज़रा नाम कर लोमेरा इतना कहा काम कर लो जो दिखानी दिलेरी हो तुमकोइश्क़ तुम अब खुले आम कर लोइश्क में यूं बहुत कुछ कहा हैदिल ने भी तो यहां सब सहा हैजो बिताते हो अब खाली शामेंउनको भी तुम मेरे नाम कर लोसीख कर तुम कदम आगे रखनामेरे जैसा ही दिल हो परखनाइश्क़ का ये सफ़र अब नया हैफिर खुमारी का वो जाम भर लोजो भी बीता हुआ मेरा कल थाठीक था अच्छा था मेरा दिल थाखुश रहो दिल से ये ही दुआ हैलिख दिया है ये पैगाम पढ़ लो
बदलते दौर में सपनों को अपने थाम लेना तुमपड़ो जब भी भंवर में, बस प्रभु का नाम लेना तुमये जीवन भी दिया प्रभु ने संवारेंगे वही इक दिनबन जायेगी सब बिगड़ी हिम्मत से काम लेना तुम -
बदलते दौर में सपनों को अपने थाम लेना तुमपड़ो जब भी भंवर में, बस प्रभु का नाम लेना तुमये जीवन भी दिया प्रभु ने संवारेंगे वही इक दिनबन जायेगी सब बिगड़ी हिम्मत से काम लेना तुम
जो अब भी उसकी रूह से मेरे लिए दुआ निकली हैये समझ लो के इस नादान दिल के लिए दवा निकली है -
जो अब भी उसकी रूह से मेरे लिए दुआ निकली हैये समझ लो के इस नादान दिल के लिए दवा निकली है
अतीतमैं जैसा था बस तेरा थानालायक था या पाजी थातू मेरी ख़ुशी में राजी थीमैं तेरी ख़ुशी में राजी थावर्तमानमैं जैसा हूं बस तेरा हूंनालायक हूं या पाजी हूं तू मेरी ख़ुशी में राजी हैमैं तेरी ख़ुशी में राजी हूं -
अतीतमैं जैसा था बस तेरा थानालायक था या पाजी थातू मेरी ख़ुशी में राजी थीमैं तेरी ख़ुशी में राजी थावर्तमानमैं जैसा हूं बस तेरा हूंनालायक हूं या पाजी हूं तू मेरी ख़ुशी में राजी हैमैं तेरी ख़ुशी में राजी हूं