QUOTES ON #ज़ोया

#ज़ोया quotes

Trending | Latest
2 APR 2021 AT 11:56

तेरी मोहब्बत ने

"इबादत"

करना सीखा दिया अब हर

"दुआ"

में तुझे ही मंगा है

-


12 OCT 2020 AT 21:53

जां-निसार
उल्फ़त के मानिंद है मेरा उल्फ़त-ए-यार
आसमां की ऊँची उड़ान है मेरा इशक़-ए-मज़ार
शम्स-ओ-क़मर की रोशनी से रोशन है तेरा इशक़
इस बयाबाँ-ए-ज़िन्दगी मेँ मुस्तक़बिल है मेरा ज़ान-ए-बहार
मेरा ग़म-ए-ग़म-गुसार
मेरा दिल-ए-ऐतबार
कैसे बयां करूं बाब-ए-इशक़ अंजुमन-ए-अंजुम मेँ
तू ही इशक़, ज़िन्दगी, ज़ां, ज़ोया, मेरा ज़हान-ए-जां-निसार

-


8 OCT 2020 AT 9:12

न तुम आदत बनी हो मेरी
न लत लगी हैं तुम्हारी
अब क्या कहुँ मैं
तुम तो जान बन गई हो मेरी

-


28 AUG 2020 AT 22:15

बेवफ़ाई दिल्ली की फ़िज़ाओं में थी साहब,
वरना, वही कुंदन था, वही ज़ोया, वही बनारस की गलियाँ।।

-


3 JUL 2020 AT 22:42

तमाम शिकायतों में तेरी
बिख़री हुई थी मैं
लफ्ज़ों में कुछ बया नहीं हुआ
मगर ये चेहरा सब कह गया|
क्या होती हैं कोई ज़ुबाँ
दोस्ती की? हाँ!
खुशनुमा हो जाता हैं ये दिल मेरा
तेरे मासूम से चेहरे की
मुस्कान देख के मेरी "जान"
फ़र्क नहीं पड़ता क्या सोचती हैं दुनिया
जो तू रूठ जाए, तो रूठ जाती
हैं खुशियाँ.......

-


14 DEC 2020 AT 22:44

"ज़ोया=ज़िन्दगी"

एक ख़ामोशी में मिलते हुए
आँसुओ के पीछे मुस्कुराहट में
एक रोज़ ज़िन्दगी ने यूँ पुकारा
उसके कोमल हाथों ने स्पष्ट
किया मेरी पीड़ा को, और
सुकूँ मिला उसके एक स्पष्ट...से
उसके कांधे पर सर रख कर
हर उस क्षण को भूल गई
जिस क्षण ने यूँ अकेले छोड़ दिया..
जब उसके कोमल हाथ ने थामा
मेरे आँसू को तो महसूस किया
एक मजबूत साथ को, जिसने मृत्यु
का भय दिल से निकल दिया
साथ उसके इतनी नादानियाँ, इतनी
खुशियाँ जीयी, की याद ही नहीं रहा कि
मृत्यु एक अटल सत्य हैं, उस ने फिर
पुकारा और गले लगा कर कहाँ सुन
मैं तेरी ही "ज़ोया" हूँ, और फिर मृत्यु ने
भी अपने कदम पीछे कर लिए.....|
(नूर-ए-ज़ोया🍁)

-


19 JUN 2020 AT 22:21

एक रिश्तें में बंधे हुए हम हैं
कुछ हम में तुम, कुछ तुम में हम हैं
*
न जाने क्यूँ मन मेरा उदास हैं
क्या तेरे गले लग के रो लू मैं?
*
तू ग़र खुद के भी साथ नहीं हैं
तो, क्या तेरे साथ जी लू मैं?
*
ग़र मेरी दोस्ती पर यकीन नहीं हैं
तो आ आज़मा ले मुझे तू कंही खुद में
*
छोड़ अब इस दुनिया को "सुगन्धा"
"ज़ोया" की हो अब "ज़ोया"में रहना हैं

-


2 MAY 2021 AT 22:29

तुम्हें माँगे दर भगवान के भी गई, मैं
तुम्हारे लिए तुम्ही से ही लड़ गई, मैं
और देखो "ज़ोया"
फिर भी तुम्हें हार गई, मैं
»»»
(नूर-ए-ज़ोया🍁)

-


10 APR 2020 AT 12:34

कि नाराज़गी तो उसे भी होंगी मुझसे
पर ज़िक्र मेरा आए तो तारीफों के पुल बाँध देती हैं
हाँ, मैं उसे खोने से डरती हूँ|

मेरी हर बेरुखी कि माफ़ी हैं उसके पास
पर कभी वो मुझे गलत करार नहीं करती
हाँ, मैं उसे खोने से डरती हूँ|

रो दे अगर वो तो, मैं भी कमजोर पड़ जाती हूँ
वज़ह तो पता चले आँसुओं कि उस शख़्स के खानदान से भी लड़ जाती हूँ
हाँ, मैं उसे खोने से डरती हूँ|

अपने सारे गमों को किनारा कर
उसका एक गम दूर करने कि दुआ करती हूँ
हाँ, मैं उसे खोने से डरती हूँ|

कि मोहब्बत हैं उस से ये बोल नहीं पाती हूँ
"ए-मेरी-प्यारी-दोस्त-ज़ोया"
हाँ, मैं तुझे खोने से डरती हूँ|

-