सरल होना ही प्रेम हैं,जैसे
तुम्हारे बालों में मेरा
गजरा लगाना
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(नूर-ए-ज़ोया🍁)-
हे री मैं तो पी दीवानी
मोरी मन बात न जाने पी 🖤
Sugสndђส♛
क्या अकेले में गीत कोई गुनगुनाती हो?
क्या सब के लिए कर के,खुद को भूल जाती हो?
*
क्या चल धुप में दूसरों का छाँव बनती हो?
क्या अपनों गमों को हँसी से सीती हो?
*
क्या खुद टूट कर अपनों का सपना बनती हो?
क्या अपने आँसुओं को काजल से छुपाती हो?
*
सच कहो...
क्या सब से जीत के खुद से हार जाती हो?-
रूह में देखा तो पाया ये मैंने
जो बगियाँ मिला वो सिर्फ़ काँटों का निकला
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तेरे होने से भर जाएगा खाली कमरा भी
मेरा ये ख्याल भी झूठा निकला
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बहुत सी बातें थी तेरे-मेरे दरमियाँ
मगर तेरे जवाबों का हर रंग फीका निकला
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समझ गई इश्क़ के तौर-ए-वफ़ा उनका
मैंने जिसे चाहा वो किसी और का मुरीद निकला
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(नूर-ए-ज़ोया🍁)-
Inner me: Who're you?
Me: I'm Naaz
Inner me: No, Who're you?
Me: I'm a girl.
Inner me: No, Who're you?
Me: I'm a human being.
Inner me: No, Who're you?
Me: Yes! I'm dead smile.
Inner me: I ask you again...
Who are you.....?
Me: I'm a fighter... and,
I don't give up on my problems....
Inner me: Yaa... My warrior,
that's you are... So get up and fight....
🍁 🍁 🍁 🍁 🍁-
मैं प्रेमी उसके प्रेम का
खेलूँ प्रेम के रंग
जग भूलूँ, रीत भूलूँ
खो के उसके संग,
/
मैं प्रेमी उसके प्रेम का
सदियों से है ये सच
उसको ढूँढू, उसमें खोऊ
उसमें ही मौन रहुँ
/
मैं प्रेमी उसके प्रेम का
खेलूँ प्रेम के रंग
/
(नूर-ए-ज़ोया🍁)
नाज़ #सुगन्धा_की_क़लम_से-
मुद्दत हो गए है तुम्हारे साथ मुस्कुराए हुए
तस्वीर बताती है, हम खुश थे कभी
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(नूर-ए-ज़ोया🍁)-
प्रेम में सबसे खूबसूरत क्रिया होती है
प्रेमी द्वारा अपनी प्रेमिका का,
होठों से पहले माथा चूमना
* * *
(नूर-ए=ज़ोया🍁)-
न कश्मकश, न बैचेनी
न कशिश, न हलचल हुई
एक कहानी ख़ामोशी से
ख़त्म हुई.....
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(नूर-ए-ज़ोया🍁)-
कितना मुश्किल था
अपने प्रेम को प्रेम कह पाना
कितना मुश्किल था
अपने प्रेम को प्रेम बता पाना
और....और अब
तुम मुस्कुराते हो तों
प्रेम❤️
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(नूर-ए-ज़ोया🍁)
नाज़ #सुगन्धा_की_क़लम_से-
तुम्हें ग़लत बताया जा रहा है
मैं बुरी नहीं, अपनी
कहानी की खलनायक हूँ मैं
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(नूर-ए-ज़ोया🍁)-