Sugandha Gupta   ((नाज़)सुगन्धा_की_क़लम_से✍)
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(नूर-ए-ज़ोया🍁)
हे री मैं तो पी दीवानी
मोरी मन बात न जाने पी 🖤
Sugสndђส♛
Joined 23 April 2019


(नूर-ए-ज़ोया🍁)
हे री मैं तो पी दीवानी
मोरी मन बात न जाने पी 🖤
Sugสndђส♛
Joined 23 April 2019
6 JAN 2022 AT 9:16

रूह में देखा तो पाया ये मैंने
जो बगियाँ मिला वो सिर्फ़ काँटों का निकला
»
तेरे होने से भर जाएगा खाली कमरा भी
मेरा ये ख्याल भी झूठा निकला
»
बहुत सी बातें थी तेरे-मेरे दरमियाँ
मगर तेरे जवाबों का हर रंग फीका निकला
»
समझ गई इश्क़ के तौर-ए-वफ़ा उनका
मैंने जिसे चाहा वो किसी और का मुरीद निकला
»
(नूर-ए-ज़ोया🍁)

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4 JAN 2022 AT 21:28

Inner me: Who're you?
Me: I'm Naaz

Inner me: No, Who're you?
Me: I'm a girl.

Inner me: No, Who're you?
Me: I'm a human being.

Inner me: No, Who're you?
Me: Yes! I'm dead smile.

Inner me: I ask you again...
Who are you.....?
Me: I'm a fighter... and,
I don't give up on my problems....

Inner me: Yaa... My warrior,
that's you are... So get up and fight....
🍁 🍁 🍁 🍁 🍁

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23 DEC 2021 AT 21:22

मैं प्रेमी उसके प्रेम का
खेलूँ प्रेम के रंग
जग भूलूँ, रीत भूलूँ
खो के उसके संग,
/
मैं प्रेमी उसके प्रेम का
सदियों से है ये सच
उसको ढूँढू, उसमें खोऊ
उसमें ही मौन रहुँ
/
मैं प्रेमी उसके प्रेम का
खेलूँ प्रेम के रंग
/
(नूर-ए-ज़ोया🍁)
नाज़ #सुगन्धा_की_क़लम_से

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16 DEC 2021 AT 18:08

मुद्दत हो गए है तुम्हारे साथ मुस्कुराए हुए
तस्वीर बताती है, हम खुश थे कभी
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(नूर-ए-ज़ोया🍁)

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16 DEC 2021 AT 18:03

प्रेम में सबसे खूबसूरत क्रिया होती है
प्रेमी द्वारा अपनी प्रेमिका का,
होठों से पहले माथा चूमना
* * *
(नूर-ए=ज़ोया🍁)

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12 DEC 2021 AT 13:03

न कश्मकश, न बैचेनी
न कशिश, न हलचल हुई
एक कहानी ख़ामोशी से
ख़त्म हुई.....
***
(नूर-ए-ज़ोया🍁)

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12 DEC 2021 AT 12:58

कितना मुश्किल था
अपने प्रेम को प्रेम कह पाना
कितना मुश्किल था
अपने प्रेम को प्रेम बता पाना
और....और अब
तुम मुस्कुराते हो तों
प्रेम❤️
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(नूर-ए-ज़ोया🍁)
नाज़ #सुगन्धा_की_क़लम_से

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12 DEC 2021 AT 12:54

तुम्हें ग़लत बताया जा रहा है
मैं बुरी नहीं, अपनी
कहानी की खलनायक हूँ मैं
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(नूर-ए-ज़ोया🍁)

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9 DEC 2021 AT 18:30

तुम प्रेम हो अगर
तों बाँध लो मुझे खुद में,
जैसे बाँध लेती हो तुम
बूंदों को अपनी केशों में...
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(नूर-ए-ज़ोया🍁)
नाज़ #सुगन्धा_की_क़लम_से

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31 OCT 2021 AT 19:38

कविताओं सी आँखें
अल्फ़ाज़ों सा मुख
वो ख़्वाबों की ख़्वाहिश
ग़ज़लों सी लड़की
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(नूर-ए-ज़ोया🍁)
नाज़ #सुगन्धा_की_क़लम_से

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