QUOTES ON #स्त्री_पुरुष_तुलना

#स्त्री_पुरुष_तुलना quotes

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18 DEC 2018 AT 4:17

माँ सुन लो मेरी आवाज,
मुझे भी इस दुनियां में आने दो।
एक पंछी के जैसे मुझे भी,
इस ऊंचे आसमान में भी उड़ जाने दो।
मैं भी वो सारी खुशियां दूंगी तुम्हे ,
जो एक बेटा से तुमने उम्मीद रखी है,
माँ एक बिटिया ही हाथ बटाएँगी तुम्हारा,
ये ही तो माँ की होती सखी है।
सिर्फ एक मौका दो माँ मुझे ,
आपके आखों में खुशी की चमक लाने को,
माँ सुन लो मेरी आवाज,
मुझे भी इस दुनियां में आने दो।
वादा है माँ न होगी अफसोस तुम्हे ,
मुझे अवसर देने का,
न देगी ये मौका लोगों को,
तुम्हें कुछ भी गलत कहने का।
माँ इस गुड़िया को भी हक़ है अपनी,
खुद की जगह बनाने को,
माँ सुन लो मेरी आवाज ,
मुझे भी इस दुनियां में आने दो।
....✍️प्रशांत

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यदि पति पत्नी को किसी बात को लेकर पीट देता है तो कोई बात नहीं सब सामान्य है !!
अगर यही उल्टा हो जाएँ और पत्नी पति को पीट दे तो समाज और गाँव में हाहाकार मच जाता है, क्यूँ??🤔🤔

ये कैसा दोगलापन है मित्रों????

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21 MAY 2020 AT 21:42

माना पुरुष balshali है,
पर जीतती हमेशा नारी है
उस गिरधारी कान्हा पे भी तो
एक अकेली तुलसी ही भारी है

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27 MAY 2019 AT 12:04

बुद्धत्व मार्ग तटस्थ सा
मनुष्य यहाँ संलिप्त सा
त्याग में संकीर्ण सा
दुर्गुणों में विदीर्ण सा
विवेक भी लुप्त सा
संवेदनाओं से सुप्त सा
बुद्धत्व कठिन प्रश्न सा
औ ये रंगमंच दुस्वप्न सा

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21 SEP 2021 AT 15:22

लिंग समानता ,स्त्री सशक्तता।
प्रश्न कई बार है उठता
उचित है ,
पर मांग करना ... क्या है सजगता ?

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21 MAY 2020 AT 7:12

लेकिन जहां दिखीं चाय
इनसे रहा नहीं जाए:!
फिर कितनी भी सुंदर
हो स्त्री, भाड़ में जाए !!
😜😜

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7 JUN 2021 AT 20:21

जी ,
अब यह स्थिति सामान्य हो चुकी है

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10 AUG 2020 AT 10:02

स्त्री
बनी हुई है
एक माँ,एक पत्नी
एक बहन,एक बेटी
पुरुष
खोता जा रहा है
एक पिता,एक पति
एक भाई, एक पुत्र
होने का अधिकार
वो करता ही जा रहा है
बार-बार लगातार
रिश्तों का बलात्कार।

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26 MAR 2022 AT 22:26

स्त्री तो हर जगह व्याप्त है
किस किस जगह की
करो तुम बखान
ऋषि को ज्ञात करा दिए
शिव की बिन स्त्री नर
इक कीट समान
तभी कहलाए अर्धनारीश्वर
जो समझ गए मानुष ये
ज्ञान,उन्हे फर्क नहीं पड़ता
की पुरुष हो या स्त्री हो
किसान ।।

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29 AUG 2020 AT 14:04

गर्भात जेव्हा अंकुर फुलतो आधीच वर्गीकरणाची
मनात वात्सल्याचा बहर येतो उजळणी नसावी
ते अपत्य तो असेल का ती तसंही ती आहे
ह्याची कल्पना नसेपर्यंत आज एक
मन समान स्वप्न रंगवतो उत्तम पोलीस अधिकारी
जन्मल्यानंतर देखील तो ही लिलया पेलतोय
हाच निपक्षपातीपणा मुख्य स्वयंपाक्याची जबाबदारी
असायला हवा उद्याची ध्येय
अवयवां खेरीज जर दोघांची समान
कुठलाच भेदभाव कशाला उगाच घालायचा
संगोपनात न यावा लिंगभेदाचा लगाम
बाहुली आणि गाडी
दोघांना मिळावी - संचितमन










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