जो अपनी समझ से विचार कर
भूत भविष्य और वर्तमान में लिया
कोई भी फैसला कभी ग़लत ना हो
हां वहीं समझदारी है।-
इश्क़ तो इन पलों में बीत रहा है
सम्हाल कर रखने को क्या मांग रहे हो...-
आप कितने समझदार है इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है
लोग आपको कितना समझ पाते हैं 'अभि' फर्क इससे पड़ता है-
बहुत बना ली परियाँ, अब फिर से शक्ति स्वरूपा बनाएं
म्यूज़िक क्लास ना भेजें भले, पहले जुडो कराटे सिखाएं
अरे!अंकल के पास जाओ बेटा,ऐसा व्यवहार ना निभाएं
डरती हुई सुरक्षित है गुड़िया, फ्रेंडली नहीं डरपोक बनाएं
जॉनी जॉनी रटवाने से बेहतर, अच्छा बुरा स्पर्श सिखाएं
प्रतिघात यदि करना पड़े, भेड़ियों के नाज़ुक अंग बताएं
हर जगह हर बात में, उचित नहीं डटे रहना भी समझाएं
कहें उन्हें, जमकर एक वार कर,तुरंत वहाँ से भाग जाएं
महंगा मोबाइल बाद में लेंगे, छोटी कटार पहले दिलवाएं
परफ्यूम से सस्ता आता है, पेपर-स्प्रे हमेशा साथ रखवाएं
फ़िल्मी भांड बिकाऊ हैं, इतिहास के असली हीरो बताएं
नींव मज़बूत हो बचपन से ही, कश्मीर का किस्सा सुनाएं
सिंड्रेला की कहानी बहुत हुई, वीरगाथा पद्मिनी की सुनाएं
ना छल सके बहरूपिये,धर्म के प्रति वो स्वाभिमान जगाएं-
अगर मंजिल लम्बा है तुम्हारा
तो बेशक कांटे होंगे उस राह
पर चलते वक्त वो कांटे चुभेंगे
भी तुम्हारे पैरो में और तुम्हें
भी इसका आभास होगा कि
ये कांटे ही मुझे मेरे मंजिल तक
ले जायेंगे मगर जब चुभे तो
उसको निकालने के बजाय
उसके साथ ही चलना ये तो
मूर्खता होगी ये सोचकर कि
यहीं हैं जो मेरे मंजिल तक ले जायेगें
और ऐसे ही चलते रहे तो कुछ
समय पश्चात वो भीतर ही भीतर
घाव कर देंगे तुम्हें तुम्हारे मंजिल
तक पहुंचने नहीं देंगे, तो इस बात
का ख्याल रखो, ये..........
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कांटा चुभें न और अगर चुभ भी
जाये तो उसे वहीं निकाल फेंको और
फिर आगे बढ़ो 🚶
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अक्सर हालात लोगों को समझदारी सिखा देता हैं
वरना
सबके अंदर बचपना तो हमेशा कायम रहता हैं
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सब कुछ बदल कर रख दिया समझदारी ने
बचपन की ज़िद को बदल दिया ज़िम्मेदारी ने-