जुल्मी कया की तेग बहादर जिद छोड़ दे...
डर से मरे लोकां से वाजिद छोड़ दे...
जवाब मिलया की तु ए गल,ए ताकीद छोड़ दे...
ये हो नी सकदा...
'साहिब' दा बंदा मौत दे डर हिंद छोड़ दे...-
पूजा और ध्यान करने से ज़रूरी थोड़ी है कि मैं महात्मा बन जाऊं,
हो सकता है कि एक इंसान बन जाऊं।
अक्सर अंधेरे में बीत जाती है ज़िन्दगी,
आंखों पे पट्टी बांधे घूमती है ज़िन्दगी,
बस थोड़ा ध्यान अपनी आत्मा पे लगा लूं तो हो सकता है कि रोशनी में मिल जाऊं।
अपना जीवन संवारने के साथ - साथ अपनी रूह भी सवारिए।-
सत करम सत वचन रे संगी, यही दुनियां के सार...
बाकी लाखों जतन कर ले, सब हो ही बेकार...-
कल्पना कलि की पूंजी है, सत्य है अस्तित्व सतनाम का,
सत्य ही धर्म का आधार है, इतना ही सार सतनाम का।
#जय_सतनाम🏳️-
आप चाह कर भी अपने प्रति लोगो की धारणा को कभी नही बदल सकते इसीलिए........
सुकून से अपनी जिंदगी जिये और खुश रहें....!!-
माना के दर्द गहरा है
लेकिन ये अवसर
भी तो सुनहरा है
गर यूहीं गवां दिया
तुमने इस जीवन को
तो ये कसूर किसी
और का नहीं बल्कि तेरा है-
कवयित्री:- कु. गरिमा पोयाम
विषय:- सतनाम
जो मानव को मानव का स्थान दे,
सत्य का अनुकरण करता चले।
जीव हत्या का त्याग करे,
चोरी,जुआ से दूर रहे।
निराकार ईश की अराधना करे,
बुरी आदतों का बहिष्कार करे।
छोटे-बड़े का भेद मिटाए,
सत्य, अहिंसा हृदय में बिठाए।
भाई-चारे को बढ़ाए,
संगठन में शक्ति देख पाए।
वही है सतनाम का अनुसरणकर्ता,
है प्यारा उसका जो है
संसार का कर्ता-धर्ता।
-कु. गरिमा पोयाम-
विश्वास ही तु है
तु है मंजिल की सीढियाँ
मानो तो पास है दूर है
तेरे बिन सब कुछ नहीं
ओ मेरे ईश्वर —
सतनाम वाहे गुरु...-