Kuchh anjane, अनकहे rishte bhi
nibhane padhte h
Murshad...
Har rishte Rashmo, रिवाज़ो se nhi bnte-
छोटी बातों पर लड़कर
लोग यूँही बिछड़ जाते है
नादानी में रिश्ते तोड़ते है
फिर प्यार को नासमझ कहलाते है।।
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जिसका हर कोई आदी है
वही सब की बर्बादी है
प्यार ढूंढ न ढूंढ खज़ाना
मोहब्बत की है तो यार निभाना
गम-ए-उल्फ़त की
ना फ़िक्र है जिनको
है उनका ही तो नाम दीवाना।।-
वो रिश्ते जो, रास्ते लगाते रहे...
या
वो नाते जो, जिंदगी भर नचाते रहे...-
रिश्ते उन्हीं से निभाओ,जो निभाने की ओकात रखते हो....
क्युकी जरूरी तो नहीं कि,हर दिल काबिल - ए - वफा हो.....
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आज लड़की तुम्हारे साथ
कुछ गलत करने से पहले इनकार कर देती हैं!
तो वो बेवफ़ा हो गई! क्योंकि उसने प्यार नहीं निभाया!
मगर कल आपकी बेटी जब प्यार नहीं
निभायेगी!
तो उसे क्या कहेंगे आप सब-
न जाने कौन देगा कांधा मेरे जनाजे को,
एक अरसे से मेरी इस जमाने से बनती नहीं-
कलफ़ लगाए चेहरे पर, हंसकर मिला करते हैं,
जो निकल जाए मतलब, अपने भी किनारा करते हैं,
पहले कुरेद ज़ख्मों को फिर अपनेपन का ढोंग रचें,
गिरगिट के जैसे ही आज, रिश्ते-नाते हुआ करते हैं !-