अगर सभी धार्मिक स्थानों पर
ताला लगा दिया जाए,
तो मदिरालयों को बंद करने की,
जरूरत नही पड़ेगी पार्थ।-
आप मौत का नाम सुनते ही सहम से गये,
मगर ये ही तो एकमात्र सत्य है।
केवल शरीर के सम्बंध मे ही नही,
जिंदगी के हर एक पहलू मे
चाहे वो इच्छायें हो, रिश्ते हों, मोहब्बत हो
वक्त के साथ बदलते रहते हैं
हाथ मे खिलौने से लेकर
हाथ मे सहारे के लिए लाठी की चाहत
कोई बहुत लम्बा सफर है नही,
और फिर एक दिन लाठी भी छूट ही जाती है।
तो क्या मृत्यु ही जीवन है?
आप समझदार हैं, बिल्कुल।
इसीलिए मुझे न नदियां पसंद हैं, न ही मैदान
मुझे पसंद है, नदियों और मैदानों के संगम पे बने घाट
जहां लाशें जलायी जाती हैं।
मै अक्सर वहां बैठकर न जाने कितनी उम्मीदों, इच्छाओं, औदे, अमीरी-गरीबी, और रिश्तों को
राख होते देखता हूँ ।
तुम व्याकुल न हो, ठोड़ी हिम्मत दिखाओ
और पढ़ ले जाओ मेरे शब्द
मै तुम्हे म्रत्यु के पार ले जाउंगा, ये मेरा वादा है।
हां तो मै श्मशान मे बैठकर सम्पूर्ण जीवन को
C-H-N-S-O होते हुए देखता हूं तो,
ठीक से समझ आता है कि
ये शब्द कितने ताकतवर हैं, जो तुम्हे महसूस हो रहे हैं।
अब तुम सोच रहे हो शायद
कि जिन्दगी का कोई मतलब ही नही है?
हम जिये क्यों? किसके लिए जियें?
अन्ततः तो सब शून्य ही हो जाना है। है ना ?
कभी-कभी हमें चीज़ों को, परोछ होकर सोचना पड़ता है,
इसीलिए मुझे न समन्दर पसंद है, न ही मैदान,
मुझे पहाड पसंद हैं, ठोड़ा उंचा उठा देते हैं।-
न मुझे सूर्य का प्रकाश पसन्द है,
न चांद की चाँदनी,
मुझे पसंद है, गौधरिया की सांझ
न रोशनी, न अंधेरा।
बस एक बदलाव की उम्मीद,
कि शायद थोड़ा सुकून मिलेगा
थके हुए दिन को, टिमटिमाते तारों से
आराम मिलने की उम्मीद है।
मुझे वो उम्मीद पसंद है।
न मुझे ग्रीष्म पसंद है, न शीत,
मुझे पसंद है सावन।
जब आसमान रोये तो उसके आंसुओ की ओट में,
मै अपने आंसुओ को छुपा लूं।
तेज कोंधती बिजलियां, और बादलों की गड़गड़ाहट,
मेरे अंदर के विध्वंस को छुपा ले जायें।
मै खुलेआम लोगो के सामने नहीं आना चाहता।
गर लोग मुझे पागल समझ लें तो ?
बरसते सावन में, मुझे न भागने का मलाल नही होता,
सब कुछ थम जाता है, सो मैं भी,
कम से कम मैं खुद को आश्वस्त कर पाता हूं,
कि न भागकर मै कोई गुनाह नहीं कर रहा।
सब रुके हैं सो मै भी,
और इन्ही छड़ों में, मै ज़िन्दगी को महसूस करता हूं।
हर सांस अथाह ज्ञान लेकर आती है।
और हर सांस के साथ, मै मरता जाता है,
तो फिर बचता कौन है ?
बचता कोई नही, कोई भी नही,
हां जन्म जरूर होता है।
जो लिख रहा है, उसका जन्म होता है।-
अगर आप किसी के लिए पूरी तरह से समर्पित होते हैं तो,
वह इंसान पूरी कोशिश करेगा कि,
आपको इस बात का पछतावा आजीवन रहे।-
मेरे सीने से खून रिस रहा है,
एक दौर था जब तुम्हारी बातों से चिराग,
रोशन हुआ करते थे,
अब तुम्हारे जिक्र मात्र से हर चिराग बुझ रहा है।
मेरे सीने से खून रिस रहा है।
एक दौर था जब तुम्हारे आने की खबर,
खुशबू की तरह मेरी सासों में घुल जाया करती थी,
अब तुम्हारी मौजूदगी में मेरा दम घुट रहा है,
मेरे सीने से खून रिस रहा है।
तुम्हे करीब लाने की जद्दोजहद इस लिए थी,
कि जिन्दगी जन्नत बन सके।
खुदा कसम तुम जो करीब आए हो तो हर एक लम्हा,
जहन्नुम लग रहा है,
मेरे सीने से खून रिस रहा है।
वो वसंत था, तुम्हारी हर बात मुझे बस मीठी ही जान पड़ती थी,
मगर जब से पतझड़ सुरू हुआ है, मेरे कानों में,
बस जहर घुल रहा है,
मेरे सीने से खून रिस रहा है।
तुम चले जाओ मेरी जिंदगी से, यही मुझपर एहसान होगा,
गर मेरी मोहब्बत पाक थी तो, शायद यही मेरा ईनाम होगा,
मैं और अपने खून से, तुम्हारे चेहरे पर नूर ला सकता नही,
और अपनी हड्डियाँ गलाकर, तुम्हे सजा सकता नही,
अब इस काले अंधेरे में मेरा जमीर पिघल रहा है,
इंसानियत और फर्ज के फेर में, सुस्मित पिस रहा है,
मैं सच कह रहा हूँ, मेरे सीने से खून रिस रहा है ।।-
जीवन मे रंग,
सपनों मे रंग,
विचारों मे रंग,
साँसों मे उमंग,
आंखों मे उमंग,
होली की शुभकामनाएँ,
आपको पूरे परिवार के संग।-
रोशनी, दीपक, प्रेम, पुष्प, रंगोली, ईश वंदना एवं ढेर सारी मिठाइयाँ,
आपको सपरिवार दीपोत्सव महापर्व 'दीपावली' की ढेर सारी बधाइयाँ।-
What are you looking in my pulses?
You have not reached to the problem yet.
I am telling you, this pain is something else.
Now leave this healing, and call him once,
I want to breathe long, there is something different about her beautiful eyes.-
तुम्हे अपनी धड़कनों की खबर नही है,
और मेरी मासूमियत तुमसे मेरे आँसुओं की खबर पूछती है।-