सही सही बताओ
आज आसपास से जब कानों में राष्ट्रगान पड़ा होगा
या आज के प्रधानमंत्री के भाषण के तुरंत बाद
जो राष्ट्रगान हुआ था
उसके सम्मान में कौन कौन खड़ा हुआ था?
🥺🥺🥺🥺🥺🥺🥺
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भारत से पोलियो ख़त्म लेकिन लंगड़ों की संख्या में बढ़ोतरी
राष्ट्रगान पर भी लंगड़े लूले बने बैठे रहते हैं करते हैं प्रश्नोतरी-
राष्ट्र-गौरव
हां इस मुल्क की मिट्टी की अब पहचान गाते हैं
कि चन्दन जिसको कहते हैं,वो सम्मान गाते हैं,,
करें महफ़िल में अपने मुल्क की अब बात क्या यारों
सभी मुल्कों में जो चमके, वो हिंदुस्तान गाते हैं,,
धड़कते हैं करोड़ों दिल के इस देश पर यूं तो
रूके सब कुछ ही पर हम,देश का जब गान गाते हैं।।
(हां है गर्व और क्यूं न हो जहां मात्र तीन वर्ष के बालक को ये ज्ञान होता है कि राष्ट्र का गौरव गाया जा रहा है,हिलना नहीं है बल्कि सम्मान में खड़े होना है उस देश पर असीम गर्व है हमें)-
भले आप मुस्कुरा दो
लोगों को हंसा दो
पर हारने की पीड़ा
देश को गौरवान्वित न कर पाने और
राष्ट्रगान न सुन पाने का दुःख
जो आपने अनुभव किया होगा
उसे समझने की क्षमता
कम से कम मुझमें तो नहीं हैं
पर जिस प्रकार आपने
हारने के पश्चात भी
जीत निश्चित की हैं न
वो किसी भी जीत से बड़ी हैं
देश के सम्मान को
नई ऊंचाई प्रदान करने के लिए
हम सभी भारतीय
आपका ऋणी रहेगा-
अब तो रूठ गया हूँ जिंदगी से परेशान हो गया हूँ मैं,
बेमौसम बारिश से हारा हुआ किसान हो गया हूँ मैं।
वतन की माटी से भी प्यार नहीं है जिन्हें उनके लिए,
अपने ही वतन से पराया राष्ट्रगान हो गया हूँ मैं।
कदाचित हार जाते पाँण्डव धर्म युद्ध में किन्तु वहाँ पर,
अर्जुन को सुनाई गयी गीता का ज्ञान हो गया हू्ँ मैं।
खुदा को वक्त पड़ने पर ही याद करता हूँ मैं अब तो,
यह साबित है कि एक मतलबी इंसान हो गया हूँ मैं।।
-ए.के.शुक्ला(अपना है!)
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मैं संविधान हूँ अपनों द्वारा अपनाया जाना चाहता हूँ,
मैं राष्ट्रगान हूँ अपनों के मुख से गाया जाना चाहता हूँ।
बहुत मनाते हम हैं अपनों की खुशियाँ हर दिन हर पल,
मैं भी जन्मदिवस सा हर घर में मनाया जाना चाहता हूँ।
अपने ही अपनों की पहचान भुला बैठे हैं बिलकुल,
मैं तिरंगा हूँ वतन का हर दिन फहराया जाना चाहता हूँ।
जवानों की शहादत पर ऐ प्रश्नचिन्ह खड़ा करने वालों,
मैं देशभक्त हूँ वतन पर सौ जान लुटाना चाहता हूँ।।
-ए.के.शुक्ला(अपना है!)
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एक भूखे का राष्ट्रगान तेज और ऊंची आवाज में पूर्णता को प्राप्त होता है।
उसे मालूम है ये रोटी की कीमत उसे और उसके परिवार को बचा सकती है।-
बस एक राष्ट्र गान का हमको बन्दन चाहिए
सबके दिलों में पूरा हिन्दुस्तान चाहिए
जो जान दे रहे जो राष्ट्र की ख़ातिर
उनके प्रति बस सम्मान हमको चाहिए
एक अनुरोध
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थे कोई क्या आज भी सीमाओं पर हर रोज़ शहादत जारी है,
हम को सब कुछ यूँही मिल गया यही एक बीमारी है।।-