तू है गर बाहुबलि💪
तो मैं हूँ देवसेना👸
सच कहूं तो,
नहीं पसन्द मुझे छैना😒😵-
मैं तेरा बाहुबली,
और तू मेरी देवसेना..😍
आओ दोनों मिलकर,
खाएंगे ररसमलाई और छैना..😋-
मीठी मीठी सी रसमलाई,
फ़ूले से गाल कोमल कलाई ।
चीनी की चाशनी में डूबी,
पलकें झुकाये मेरे पास आई ।।
मैं गुलाबजामुन स्तब्ध हुआ,
रसभरी प्यार से मुस्कुराई ।
चिपचिपी सहज भीनी भीनी,
साँसों की कविता में समाई ।।-
गुलाबजामुन : क्यों भाये तुम्हें गुलाबजामुन,
कभी सोचा है तुमनें.. क्यों पसन्द मुझे रसमलाई ।
रसमलाई : क्योंकि मैं राधा तुम्हारी धुन,
हाँ!! जानती हूँ मैं.. और तुम मेरे श्यामल कन्हाई ।।-
सुनो दीप्ति इस हलवे की कर दो अब विदाई !
शादी का सीज़न है , फ्री में खाते हैं रसमलाई !!
😄😁😀😆😃😛😋-
आलम-ए-हुनर यूँ माहिर हो रहा हैं!
बनाई जो रसमलाई तो ज़ाहिर हो रहा हैं।!-
गुलाबजामुन : सुनो न मेरी रस
रसमलाई : सुनाओ न मेरे गुलाब
गुलाबजामुन : चाशनी की बारिश हो रही है.. चलो भींगते हैं..
मज़ा आएगा
रसमलाई : अहा!! मैं नहीं चल पाऊँगी.. मेरी गले में ज़रा दर्द है
गुलाबजामुन : अच्छा.. एक काम करो..
आओ लेट जाओ, मैं बाम लगा देता हूँ
रसमलाई : न न न.. तुम रहने दो
गुलाबजामुन : अरे कुछ नहीं होता.. आओ न
रसमलाई : नहीं.. वो.. तुम.. छूते हो न.. तो..
गुलाबजामुन : तो.. क्या?? 🤔
रसमलाई : 😳😳😳 जाने दो.. कुछ नहीं
गुलाबजामुन : अरे पूरी बात तो बताती जाओ.. 😂💝😂-
सूर्य ठहर कर रश्मि के संग
टिमटिम तुमको देख रहा है,
रसमलाई से मीठे-मीठे
गाल तुम्हारे, मेरे हैं
बूँद छलक कर बादल के रंग
इंद्र-धनुष मन रेख रहा है,
जल गुलाब से भीने-भीने
होंठ तुम्हारे, मेरे हैं-
रसमलाई : सुनो!! तुम न बहुत चेप्पी हो!!
गुलाबजामुन : 😂😂 य..य.. ये क्या होता है!?
रसमलाई : मतलब.. तुम बहुत चिपचिप करते हो
गुलाबजामुन : तुम भी तो चिपचिप करती हो
रसमलाई : मैं तुम्हारी तरह चेप्पी नहीं हूँ.. मैं तो चपचप करती हूँ
😐😆😐
गुलाबजामुन : देखो, क्या है न.. आज मेरे सिर में थोड़ा दर्द है.. तो.. ये सब बाद में करें..
रसमलाई : हाँ.. हाँ.. तुम्हें कविता लिखने से फ़ुर्सत हो तब न.. जाओ मैं तुमसे बात ही नहीं करती.. 😌😑😌
गुलाबजामुन : अरे यार.. तुम ऐसे उदास हो जाओगी तो कैसे चलेगा.. मेरी मिठास तो तुम ही हो प्रिये.. अच्छा सुनो.. तुम चपचप करती हो, बस..
रसमलाई : नहीं.. अब मैं पचपच करती हूँ
गुलाबजामुन : 😵😪😵 सिरदर्द बढ़ गया 😂😂😂-