वो ख़बर तो रखता हैं, मगर बे-ख़बर बताता है,
अपनी ग़ज़लों में अक्सर वो मुझे सजाता है!
और लिखकर मेरे क़िरदार को बख़ूबी से,
बड़ी होशियारी से वो मुझे अनजान बताता है!!
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सफ़ऱ ऐ ज़िन्दगी में अपने कुछ उसूल ब... read more
कोरे काग़ज पर नया एक अध्याय लिखेंगे,
जो बीता उसे भूलकर सफ़ऱ जारी रखेंगे।
नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं!
नववर्ष मंगलमय हो!
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जिंदगी की दौड़ में कहीं ठहराव नजर नहीं आता,
भरी महफिलों में यहां कोई इंसान नजर नहीं आता
ये कैसा जादू छाया है मेरे इस मुल्क़ में साहब,
कि अब यहाँ अंधेरे में भी कहीं अंधेरा नजर नहीं आता।।-
अब यहाँ कोई खिलौना नहीं लाता..
गांव में अब कभी सपेरा नहीं आता!
आधुनिकरण ने जिंदगी को खेल-सा बना दिया
अब यहाँ बचपन में भी बचपना नजर नही आता!!-
वो अब यार है तुम्हारी,उसका ख़्याल रखा करो!
पहले यार थी हमारी, इतना याद रखा करो!!-
मुझे मेरी कमियां बेशक़ गिनाओगे क्या,
अंधेरे में उजाले का एहसास कराओगे क्या!
मोहब्बत की मिसालें तो लाखों है जमाने में,
मग़र तुम दोस्ती की मिसाल क़ायम कर पाओगे क्या!-
बीती हुई बातों को कहीं दफ़न कर आना,
आंसुओं को छिपाना तुम मुस्कान ले आना!
और दरवाजा बेशक खुला रखा है मैंने,
तुम आना मगर दिन को इतवार कर आना!!-
मेरी शायरी सुन ताली बजाओगे क्या,
चूक जाऊँ अग़र कभी तो हौसला बढ़ाओगे क्या,
और "पीयूष" गिराने वाले तो है बहुत इस ज़माने में,
मग़र गिरने लगूँ जब कभी तुम उठा पाओगे क्या!
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पढ़कर मेरी शायरी ख़ुश होता बहुत है,
मग़र अकेले में वो भी रोता बहुत हैं!-
नज़र तो आता नहीं मग़र नज़रे रखा करता है!
वो बात तो नहीं करता मग़र बातें किया करता है!-