यूं तो बरसने को बादल और भी आएंगे
मगर वो जो बिन बरसे गुजर गए, बहुत याद आएंगे।-
नज्म-ए-नज़र
नज़र का कुछ अन्दाज से यू सिर पे आके तीरछा जाना,
कुछ अलग तोह था इन्मे जाहिर है इनका याद आना॥
पल्कों से खुद पे छाँव करके अपकी नजरों का सुस्ताना,
कुछ अलग तोह था इन्मे जाहिर है इनका याद आना॥
हर बात पे होठ से पहले उनका मुस्कुराना,
कुछ अलग तोह था इन्मे जाहिर है इनका याद आना॥
तेराक हूँ बेहतर नहीं,मुस्किल गेहराई तक जा पाना,
कुछ अलग तोह था इन्मे जाहिर है इनका याद आना॥
-Dipanshu silodiya
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जब हम राह भटक जाते हैं,
जब हम अकेले पड जाते हैं,
और तब जब हम चाहते हैं कि
वह वापस आ जाए
मगर, कभी वापस नहीं आ सकता।-
किसी को "याद करना" शायद हमारे बस में हो सकता है,
लेकिन किसी का "याद आना" कतई नहीं..
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बैठे बैठे बस आँखें भर आती हैं,
जब जब आपका जाना याद आता है...!!-
मैंने सीखा है
लोग भूल जाते है आप क्या कहते है
लोग भूल जाते है आपने क्या करा है
पर वो कभी नहीं भूलते
जो उन्होंने आपके साथ रह कर
महसूस करा है
ये सच है ना
या मेरा भ्रम ही है-