स्वयं से बातें
स्वयं की खोज
स्वयं ही सबकुछ
स्वयं ही बोझ-
ज्यादा कुछ नहीं तो तारीफ़ में दो शब्द ही ल... read more
उसने ले रखा है पगली तेरे वास्ते काला गुलाब,
क्यों करनी है ज़िंदगी किसी के वास्ते यूं खराब।
छोटी सी छोटी खुशियां ढूंढ ले दुनिया है नायाब,
इतनी हंसी दुनिया में सारे सवाल के है जवाब।
मत बन पागल प्यार में होगा उसका भी हिसाब,
तू सबसे अलग है तुझसे मिलने ज़िंदगी है बेताब।-
खुशियां तो रास नहीं आई गम के साथ तो जीने दो,
ज़िंदगी ज़हर ही सही थोड़ा थोड़ा तो मुझे पीने दो।-
दिल की धड़कने रुकी हुई है और मन पर मौन छाया है,
ये कैसी ज़ुस्तज़ु है जिंदगी की जहां झूठ नजर आया है।-
फॉलो करते ही ये बोले बाबा टेस्टी दो😀
जान ना पहचान ओर मैं तेरा मेहमान😆
ये कैसे गले पड़ूं मिले है मुझे ये इंसान🙄
माथे पर गन तानकर बोले टेस्टी लिखो🥴
कोई हलवा है क्या पहले थोड़े तो दिखो😝-
बहुत शांति से अपनी इच्छाओं को
कुचलने के बाद पता चला मुझे कि
ये सुकून भी क्या चीज़ होती है।-
बारिश का मौसम भी अच्छा है और गुलाब भी ताज़ा है,
किसी ओर को दे दे इससे पहले कह दो क्या इरादा है।-