लोग जश्न,पटाखों और धूमधाम के साथ तेरी शूरुआत करेगें
हम बस इक ही चीज के साथ
तेरी शुरुआत करना चाहेंगे
वो है
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"उम्मीद"
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जाने क्यों आज फिर वो रातें याद आ गईं
तुझसे की हुई वो सारी बातें याद आ गई
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बचपन में जो बच्चा अपनी हर ज़िद रो रो कर पूरी करवाता है,
बड़ा होकर वही बच्चा जिम्मेदारियों तले अपनी हर ज़िद भूल जाता है
जिस पिता के कांधे पर बैठ ,वो बचपन में इतराता है
बड़ा होकर उसके कंधे पर हाथ रखने, तक से कतराता है,
कभी पिता गले से जो लगा ले,तो खुद के आंसू रोक नहीं पाता है,
ये वही बच्चा है जो जिम्मेदारियों तले अपना दर्द और आंसू छिपाता है
शादी के समय लड़की से पूछा जाता है तुम्हे क्या क्या आता है
लेकिन जो बात लड़के की आए तो वो कितना कमाता है
सरकार भी जो योजना बनाए
उसमे बस केवल बच्चे वृद्ध और महिलाओं को लिया जाता है,
समानता की बात करते हुए क्यो हर बार लड़कों को ही भूल जाता है
happy men's day-
बचा ले जो हर तूफ़ा से, उसे आस कहते हैं
बड़ा मजबूत है ये धागा,जिसे विश्वास कहते हैं
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कहानी शुरू हुई थी,तो खत्म भी होनी थी
किरदार काबिल हुए, तो याद रखे जाएंगे
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जरूरी नहीं,
आप किसी को दुःख पहुचाओ तभी
आपको दुःख मिले,
अक्सर
कीमत चुकानी पड़ती है,
हद से ज्यादा अच्छा होने की,
दूसरों की खुशी में खुश होने की,
किसी से निस्वार्थ रिश्ता रखने की,
कीमत चुकानी पड़ती है
हमेशा सच बोलने की,
किसी की कही हर बात पर भरोसा कर लेने की,
किसी की बेवजह परवाह करने की,
कीमत चुकानी पड़ती है............
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हम थे ही नहीं जिस कहानी में,
उस कहानी में बेवजह ही किरदार निभाते रह गए..
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उन्हें हम याद ही फुर्सत के लम्हों में आया करते थे,
कमबख्त
अब उन्हें फुर्सत ही नहीं मिलती
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