जब इख़्तियार_ए_ज़ुल्मत था वतन की हवाओं में,
एक जुनून छा गया था उन आंधी_ओ_सदाओं पे।
निकला एक आफ़ताब जैसे अंधेरों को चीरता हुआ,
जब ज़ोर_ओ_ज़ुल्म_ए_रियाई सब हक में था रहनुमाओं के।
ज़र्फ़_ए_फ़न_ओ_तहज़ीब से पत्थर पिघलाता गया,
पैदा हुआ जो फ़र्श पे वो अर्श पे आता गया।
सज़दा है उस इंसान को जो ताबीर लिख गया,
जिन लोगों को दुत्कारा गया उनकी तकदीर लिख गया।
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“मानव की बुद्धि का विकास मानव
अस्तित्व का अंतिम लक्ष्य होना चाहिए”
— डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी
(14 अप्रैल 1891 – 6 दिसंबर 1956)-
विश्वरत्न
भारतरत्न
क्रांतिसूर्य
भारतीय राज्यघटनेचे शिल्पकार
डॉ बाबासाहेब आंबेडकर यांच्या
महापरिनिर्वाण दिनानिमित्त
त्यांना विनम्र अभिवादन 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
त्यांना कोटी कोटी प्रणाम 🙏🏻🙏🏻🙏🏻-
नहीं कोई भीम से बड़ा
मठ मन्दिर, करोड़ों देवी देवता, आया न कोई काम,
तिमिर मिटा किया उज़ाला, उस भीम को सलाम।
पैर की जूती थी नारी, सदियों अत्याचार सहा भारी,
आज़ शिखर को छू रही, संविधान से पाया मुक़ाम।
नहीं कोई भीम से बड़ा, जो मजलूमों के लिए लड़ा,
शोषण के विरुद्ध दुनिया में, है बाबा साहेब का नाम।
मानवता के प्रेम पुजारी, जिसमें सारी ज़िंदगी गुज़ारी,
संविधान बना संगठित रहने का, दे गए अमर पैगाम।
सहकर घोर अपमान, फिर भी देश का बढ़ा गए मान,
महामानव को परिनिर्वाण दिवस पर करे 'दीप' प्रणाम।-
भारताला प्रगतीशील व लोकशाहीयुक्त
संविधान देणारे, भारतीय संविधानाचे
शिल्पकार, ज्ञानाचे अथांग सागर
भारतरत्न डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर
यांना #महापरिनिर्वाण दिनानिमित
विनम्र अभिवादन!
#MahaparinirvanDin
#महापरिनिर्वाण_दिन-
"जसा माणूस उपासमारीने अशक्त होवून अल्पायुषी होतो, तसा तो शिक्षणाअभावी जिवंतपणी दुसऱ्याचा गुलाम होतो"
Dr. Babasaheb Ambedkar
ज्ञांनाच्या अथांग महासागराला 63 व्या महापरिनिर्वाण दिनानिमित्त विनम्र अभिवादन...🙏🌺🌺🌺
#महापरिनिर्वाण_दिवस-