ना जाने कैसे कैसे गम खुमारी में रगड़कर पी गए,
हम दीवाना ए दिल ए मदहोश लिए फिरते हैं।
हम तो अकेले आए थे अकेले ही लड़कर जायेंगे,
उनसे क्या लेना जो लश्कर की धौंस लिए फिरते हैं।
हमें फुरसत कहां के हम दीदार ए हुस्न करें,
हम रगों में दीवानगी का जोश लिए फिरते हैं।।
उसने एकदिन जलवा दिखाना है वो दिखाएगा जरूर,
इसी उम्मीद में ज़िंदगी का बोझ लिए फिरते हैं।
किसी कलंदर से पूछना इश्क़-ए-हक़ीक़ी का सवाब,
घुंघरुओं की छम-छम में फ़िरदौस लिए फिरते हैं।।
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सारे सिपाही जंग से लौट कर बैठ गए,
लश्कर दुश्मन के भी थक कर बैठ गए।
एक शहसवार जंग में क्या खूब लड़ा,
सारे हाथी दुबक दुबक कर बैठ गए।।
वो न जाने किस मिट्टी का पुतला है,
उसे देखने मुसाफ़िर रुक कर बैठ गए।।
मैंने भी उसकी ही अजमत में शेर कहे,
सारे शायीर मिशरे पढ़ कर बैठ गए।
एक सवारी एक गांव से ऐसी चढ़ी,
थोड़ा थोड़ा सभी खिसक कर बैठ गए।।
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ओ किसे फ़क़ीर दी मौज वांगूं मस्त रहन्दा,
जिहनु तेरे दो नैना दा रोग लग्गे,
जिहनु अपना कह तू छड्डे महरमा वे
ओहनु सारी उम्र दा जोग लग्गे।-
तेरे नाज़ुक लबों को तो मयस्सर हुए गुलाब,
मेरे हाथ का गुलाब तेरा हाथ ढूंढता रहा।।
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मुझे भुलाना आसान नहीं होगा तुम्हारे लिए,
मैं वक्त के माथे पे खेंची हुई लकीर हुं।
मुझसे मिलना तो मेरे हाथ पे बोसा करना,
मैं इस दौर ए हुकूमत का आख़िरी फ़कीर हुं।।
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इश्क़ खुदा का सबसे उम्दा सदका है,
देखो, जाने भी दो, ठहरो, रूक जाओ।
मेरे घर की छत थोड़ी सी नीची है,
अंदर आना है तो थोड़ा झुक जाओ।।
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देख्खै है,औंस ढलण लागी
या तेरी आस मरण लागी।
तड़के तड़क चुबारे पै,
ये टप टप बूंद पड़न लागी।
तन्ने देख कैं जी भरजावे था,
इब याद कुबध करण लागी।
जिन कच्चे – पक्के राह्यां प,
चाल्या करते हम बतलाते,
उन परके दूब फिरन लागी।
दिन तो तेरी गेल गुज़ार लिया,
इब रात यें काल करण लागी ।
एक गां बांधी थी खुट्टे कैं,
बिराने खेत चरण लागी।
मीठा पाणी जिस कुएं का,
पणिहारी नीर भरण लागी।
एहसास तन्नें समझाऊं था,
पाणी पै ईंट तरण लागी।
देख्खै है,औंस ढलण लागी ....
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ये दिया तो तेरी लौ में अब भी रौशन है,
तुझे कौन से वक्त के झोंके ने बुझा दिया।-
एक पल भीत्तर छन्द रच दे,
एक पल मैं रच दे माया,
एक पल भीत्तर राग रचे,
एक पल मैं भस्मै काया।
डमरू बजावै नाद उठज्या,
किसे क राज समझ ना आया।
तेरी माया का तोड़ पट्या ना,
कौन स तूं कित त आया?
तूं महायोगी, तूं ए महाभोगी,
कैलाशोें पे डेरा लाया,
हे विश्वेश्वर, हे परमेश्वर
तेरा आरंभ अंत नहीं पाया।
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