🌷🌷मैंने मुद्दत से मस्जिद नही देखी मगर,
एक बच्चे का रजा देना अच्छा लगा..😍🌷🌷-
28 APR 2020 AT 11:33
17 SEP 2020 AT 10:51
बुत-ख़ाना तोड़ डालिए मस्जिद को ढाइए
दिल को न तोड़िए ये ख़ुदा का मक़ाम है-
10 OCT 2019 AT 23:44
मोहब्बत हमारी कुछ यूं मुकम्मल हो...
मस्जिद में भजन
और
मंदिर में अज़ान हो...
तेरे घर दिवाली
और
मेरे घर रमज़ान हो...-
29 JAN 2018 AT 23:51
वो कहा करती थी ,
मज़हब कभी बीच नहीं आएगा हमारे !
( पूरा लेखन अनुशीर्षक में पढ़ें 👇 । )
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5 MAR 2018 AT 23:39
सुबह में मंदिर जाकर हाथ जोड़ लिया ।
दिन में मस्जिद में भी शीश झुका लिया ।
वो दो दिनों से बहुत भूखा था न साहेब,
इसलिए हर मजहब का कर्ज चुका दिया ।-
13 JUN 2018 AT 22:46
'तिलक और टोपी' के दिल अब कुछ यूं जुड़े।
मंदिरों में इफ़्तार हो , मस्जिदों में गुलाल उड़े।-
15 MAR 2021 AT 19:37
मस्जिद तो बना ली शब भर में ईमाँ की हरारतवालों ने
मन अपना पुराना पापी है तिस पर भी नमाज़ी हो न सका-
16 AUG 2018 AT 14:44
हिंदु मुस्लिम बना लिए, फिरसे जात-पात मत करना तुम,
या अल्लाह, है राम वालों अब मन्दिर मस्जिद पे ना लड़ना तुम।।-