"भारत की बेटी"
घर में सभी के यही बताया जाता है
कमजोर है तू, यही सुनाई आता है
चीख चीख कर में कितनो समझाऊ
शेरणी है तू, किस-किस को बताऊ-
चुनौती भी नमन करता है
साहस तेरा कमाल है
तू तो है भारत की बेटी
जज़्बा बेमिसाल है।
(🙏पूरी कविता कैप्शन में पढ़ें🙏)-
चल आवाज़,आवाज़ दे इतिहास आज उतार दे।
ये जंग है, ये रंण है, ये उभर रहा क्रोध है,
न तू सहे,न मैं सहू ,न सहे ये देश की बेटियाँ,
चल आवाज़,आवाज़ दे इतिहास आज उतार दे।
कौन हैं वो,जो कहे 'तू तुछ हैं तू कुछ नही',
कौन है वो,जिसने बाँधी बेड़िया तेरे पैरों पर,
तोड़ दे वो हर कड़ी,जो तेरे गले है पड़ी,
चल आवाज़,आवाज़ दे इतिहास आज उतार दे।
इतिहास को तू जान कर,इतिहास को तू याद कर,
याद कर वो हर घड़ी,जहाँ खूं की नदियाँ थी बही,
याद कर के किस तरह रानी लक्ष्मी बाई थी लड़ी,
चल आवाज़,आवाज़ दे इतिहास आज उतार दे।
इन्साफ के लिए,सदैव लड़ी थी जो बेटियाँ,
इन्साफ के लिए,आज भी लड़ रही बेटियाँ,
अब इंसाफ की गुहार कर,ये जान कर तू वार कर ,
चल आवाज़,आवाज़ दे इतिहास आज ऊतार दे।
ये जंग है,ये रंण है, ये उभर रहा क्रोध है,
न तू सहे न मैं सहू ,न सहे ये देश की बेटियाँ,
चल आवाज़,आवाज़ दे इतिहास आज उतार दे।
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अाज भी भारत की बेटियाँ सड़कों पे नंगी पड़ी रहती हैं,
बालातकार तो अाम है..,!!
नेताजी आप भी क्या बात करते है |-