हैवान तो जहाँ के लोग हम बन ही चुके हैं,
चल दूसरों को भी हैवानियत का शिकार बनाएँ हम,
हिन्दु मुसलमान दंगे तो अभी बहुत ही कम हैं,
चल दंगे फैलाने का कोई और मुद्दा आधार बनाएँ हम।
हमें तो सत्ता में आने की हर राह ढूँढनी है,
चल आ राजनीति में पाँव जमाने के आसार बनाएँ हम,
कोई तो आमदनी का काम हम ने करना ही है न,
तो चल आकर के राजनीति में ही रोज़गार बनाएँ हम।
सुना है धन्धा कभी ये मन्दा नहीं होता है,
चल आ कर के पाँच साल तक व्यापार करें हम,
ये कारोबार तो पीढ़ी दर पीढ़ी ही चलता है,
आने वाली पीढ़ियों का धनवान होना स्वीकार करें हम।
ज़िन्दगी में ऐसे मौके आसानी से नहीं मिल पाते हैं,
चल आ मौत बाँट खुद की ज़िन्दगी साकार करें हम,
बहुत से मौके मिलते हैं यहाँ दंगे भड़काने के,
चल आकर के भोली भाली जनता की सरकार बनें हम।-
7 DEC 2018 AT 12:46
11 OCT 2020 AT 10:51
किसी के दिल में अगर तुमने जगह बना लिया,
तो उसको अपनो के खिलाफ मत भड़काओ !!
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24 SEP 2020 AT 5:19
मेरे दिल को तड़पाया मत करिए,
सीने में आग भड़काया मत करिए।
जख्मी हूं भर जाऊंगा धीरे-धीरे,
हमें पता है मर जाऊंगा धीरे-धीरे।-
22 DEC 2021 AT 19:16
मन अगर कैकई ना होता तो मंथरा भी क्या कान भरती ...!
सच है राम से श्री राम बनने तक की कथा भी कहां होती ...!
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27 DEC 2021 AT 12:37
बदलते जमाने के अजीब सियासत दान हैं
दंगा भड़काने में समझते खूब शान हैं।
बिना बात के बतंगड़ बनाते हैं रोज रोज-
तथ्यों को बताने में समझते अपमान हैं।-