🖤★●••🌹About•👧•Girls🌹••●★🖤
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में नन्ही सी कली हूँ मुझे खिल जाने दो,,
तुम्हारे आँगन का फूल हूँ महक जाने दो,,
बेटियां बोझ नही होती है इन काँधों पर,,
वे यूँ ही पल जाती है उन्हें पल जाने दो,,
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❣️पूरी कविता❣️ अनुशीर्षक में पढ़े❣️
♥️ बेटियों का प्यार खुदा की रहमत होता है♥️-
बेटियों को तो कोख में मरवाते हो,
क्या खुद किसी बेटे की कोख से आते हो.?
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👭अनमोल बेटिया👭
शौर्य ,वीरता और साहस की , निशान है ये बेटिया।।
आज हमारे नव भारत की , शान है ये बेटिया।।
बारूद भरा है इनके अंदर , प्रतिभाओं का सार नही ।।
अच्छी माँ है ये , इनकी ममता का कोई आकार नही ।।
तुम बेटा बेटी क्या करते हो , तोड़ दो सारे बंधन ।।
बेटा अगर हल्की हवा है , तो तूफान है ये बेटिया ।।
इनका कोई मोल नही , अनमोल है ये बेटिया ।।
आज हमारे नव भारत की शान है ये बेटिया ।।
शौर्य , वीरता और साहस की पहचान है ये बेटिया ।।
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कुछ तो होगा
कुछ तो होगा
अगर मैं बोलूंगा
न टूटे, न टूटे तिलस्म सत्ता का!
मेरे अंदर का एक कायर टूटेगा-
बेटियाँ
बेटियों को कोख में पलने दो,
पंख फैलाकर आसमान को छूने दो,
मत मारो कोख मे उन्हें,
जिन्दगी जीने दो उन्हें,
कलियों को बाग में खिलने दो,
बेटियों को कोख मे पलने दो।।
बेटे बेटी के फर्क को हटाओ,
समाज से इस सोच को मिटाओ,
बेटियों को सम्मान दर्जा दिलाओ,
दहेज के लिए उन्हें ना जलाओ,
कलियों को बाग मे खिलने दो,
बेटियो कोख में पलने दो।।
मत बाँधों बेटियों को समाज के बंदिशो मे,
मत मारो बेटियों को अपने रंजिशों मे,
मत थोपो बेटियों पर समाज की सोच को,
मत खोपो बेटियों पर छुरा मां की कोख में,
कलियों को बाग मे खिलने दो,
बेटियों को कोख में पलने दो।।
बेटियों को मां की कोख मे मारकर ,
बेटों के लिए मां की कोख कहाँ से लाओगे,
अपनी इस सोच के लिए कब पछताओगे,
बेटियो के अस्तित्व को कब स्वीकारोगे,
कलियों को बाग में खिलने दो,
बेटियों को कोख में पलने दो।।-
बेटियां हमारी
रोशनी सी जगमगाती
चंचल तितलियों जैसी
आंगन की है फुलवारी
पायल की रुनझुन सी शोर करती
मीठी बातों से दिल बहलाती
मासूम चिड़ियों जैसी
अनमोल ईश्वर की फुलकारी।-
परिंदों की तरह रखा करो इन बेटियों को
ये पाज़ेब नहीं जो बाँधने से ही शोभा दे-