खूबसूरत से ज्यादा 'खूबसूरत' लगती हो
गुजरते वक़्त के साथ जरूरत लगती हो
अपनी खूबियों में एक समुंदर लगती हो
महसूस करूँ तो दिल के अंदर लगती हो
इश्क की दुनिया में हमारा नाम लगती हो
दिल की गलियों की मेहमान लगती हो
तुम हमको तो हमारा परिवार लगती हो
यकीनन खुदा का परवरदिगार लगती हो
कभी कभी मुझे तो इतनी सुंदर लगती हो
मेरे दिलकी दुनिया की सिकंदर लगती हो
कपिल ओंस की बूंद सी कोमल लगती हो
कपिल की आशाओं की कोंपल लगती हो-
बिल्ली मौसी बडी सयानी,
चुपके से दूध पी जाती है
देखती है हमे फिर वो,
जल्दी से भाग जाती है।
बिल्ली मौसी तुम प्यारी हो
बच्चों को तुम पसंद हो,
देखते है तुम्हें बच्चे,
तो खुश वो हो जाते है।
वो तुम्हारे छोटे से बच्चे,
कितने प्यारे होते है
उनके साथ खेलकर
बच्चों को खुशी मिल जाती है।
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कहाँ थी बिल्ली मौसी!
कौनसे शहर से आई हो।
कहां थी तुम अब तक
बड़े दिनों बाद लौट आई हो।
बताओ हमें भी बताओ
देखो हमसे ना शरमाओ।
लगता है अब जीवन में
तुम्हारे है कोई खास आया।
देखो हमें तो पराया कर दिया
हमसे इतना बड़ा राज छुपाया।
कोई बात नहीं हम तो यही चाहते हैं
कि बस तुम्हारा घर बस जाये।
हां थोड़ी सी मुश्किल जरूर होगी
कि कैसे अब चूहों को ठिकाने लगायें।
पर कोई नहीं उसका भी सोल्यूशन है
हम बाजार से एक पिंजरा ले लेंगे।
तुम्हारे लिए भी हमारे पास कुछ है
आज तुम्हें भी एक सरप्राइज देंगे।
क्या बिल्ली मौसी यह क्या जरूरी है
कि तुम सौ चूहे खाकर सिर्फ हज को जाओ।
ये पकड़ो पासपोर्ट और टिकट्स
इस बार हमारे बिल्लू मौसा जी के साथ
हनीमून ट्रिप पर होनूलूलू जाकर आओ।-
अक्कड़ बक्कड़ बंबे बो
तू भी क्यूं ना नाचे मोर
(रचना - अनुशीर्षक में)-
बिल्ली मौसी आओ ना
हमको भी बतलाओ ना
दुध से है क्युं इतना प्यार
ये मसला सुलझाओ ना ।।
रंग-बिरंगी आँखों वाली
तुम भोली हो और सयानी
चूहों पर शासन करती
बिल्ली मौसी प्यारी-प्यारी ।।
झटपट दुध पी जाओ ना
कहीं बिल्ली आ जाए ना
मम्मी का वही तराना
हमें सुनने से बचाओ ना ।।
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स्वप्न लोक वाला जीवन 'स्वपन' बनके रह गया
दुग्ध सारा बिल्ली पी गई, भिगोना रीता रह गया..!
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अमा यार तुम लड़कियां🙆 भी ना
क्या गजब🤭 कमाल करती हो।
तुम जानती हो हम भोले है फिर भी,
मटक मटक👯 यूं चाल चलती हो।।-
मां देखो बिल्ली मौसी फिर घुस आई शाम में।
म्याऊं, मैं आऊं आदेश मांगा, दूध पी गई थाल में।
मैंने तो कर दिया मना पर कहां सुनी, नाराज मैं।
खीर मुझे अब नहीं मिलेगी, क्या खाऊंगी रात में।
मेरे हिस्से की दूध पी गई, गलत किया है उसने मां।
नहीं छोड़ना बिल्ली मौसी को, बोलो क्या दोगी सज़ा।
अब से मैं चूहों के तरफ हूं, तुम किसके तरफ हों मां।
पापा से मैं करूं शिकायत, बिल्ली मौसी हो जाए दफा।-
हां जी पागलपंती तो मैं ही करती हूँ..
बाकी सब तो होशियारी मारते है 😝😝-