QUOTES ON #बदरी

#बदरी quotes

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4 MAR 2018 AT 13:58

आज क्यों न मुझसे खफ़ा
ये क़ायनात हो जाये,
एक पल को ही सही
उनसे मुलाकात हो जाये!

वो नाराज़ क्या हुए
पल भर को हमसे ,
आँखे भी बोली एक बार फिर
बिन मौसम बरसात हो जाये!

मुझको मंजूर है उनका
गुस्से से लड़ना झगड़ना,
प्यार भरी न सही मगर
कुछ तो बात हो जाये!

उनके चेहरे की झलक गर
मिल जाये एक बार ऐ खुदा,
तो उदासियों की काली बदरी भी
यूँ चाँदनी रात हो जाये...!

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29 MAY 2020 AT 14:17

बदरी छाने लगी तेरी याद आने लगी
बारिश होने लगी
पलकें भिगोने लगी

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17 NOV 2019 AT 10:37

है कारी घनेरी बदरी..
फिर भी कोरों पर,
चाँदी की लकीरें हैं...
अंधियारे को हरती..
जीवन रोशन करती,
आशाओं की जागीरें हैं...

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19 AUG 2019 AT 11:24

जखन बाजैया पायल दिल होईया घायल
जान हमर लै या आहाँके मुस्कान यै
ऐना नै सताऊ हमरा नै छी हम आन यै
खूजल केश लागैया जेना भादव केर बदरी
चाल देख कऽ लागै जेना ऐखने खऽसत बिजुरी
बुझलौं छी आहाँ अप्सरा मुदा नै करू गुमान यै
ऐना नै सताऊ हमरा नै छी हम आन यै
अहींक स्वप्न देखै अछि नैना सूतल जागल सदिखन
सोचैत रहै छी हम जे आहाँक चेहरा देखब कखन
कऽ देने छी जीवन अपन हम अहिंके नाम यै
ऐना नै सताऊ हमरा नै छी हम आन यै

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25 SEP 2019 AT 13:36

अहसास अपनेपन का...!

बेवक्त बरस जाते है...
आंसू बदरी की तरह,
पाते ही अहसास....
अपनेपन का किसी से..!

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11 APR 2020 AT 16:44

तू बदरी बन जा री राधे
मैं घनश्याम बन जाऊं
टेर आवैगी मोरा की
छम छम नाच दिखावे री
अमुआ डाल पे बैठी कोयलिया
कुहू कुहू गीत सुनावै री
तू बरस जल बून्द बन
मैं पवन बन जाऊं री
मीठी मीठी बने फुहार
झूला को आनंद आवै री
कच्ची अमिया तोड़ के खावै
मुँह में पानी आवै री
बरस तू मेघा बनके इतनी
मैं बा में डूब जाऊं री
हम दोनों मिल एक हो जावै
काहू के नज़र न आवै री

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12 MAY 2020 AT 19:20

तू बदरी बन जा री राधे
मैं घनश्याम बन जाऊं
टेल आवेगी मोरा की
छम छम नाच दिखावे री
अमूआ डाल पे बैठी कोयलिया
कुहू कुहू गीत सुनावे री
तू बरस जल बूंद बन
मैं पवन बन जाऊं री
मीठी मीठी बने फुहार
झूला को आनंद आवे री
कच्ची अमिया तोड़ के खावे
मुंह में पानी आवे री
बरस तू मेघा बनके इतनी
मैं बा में डूब जाऊं री
हम दोनों मिल एक हो जावे
काहू के नजर ना आवे री

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21 FEB 2020 AT 14:02

तरसते ये बादल
तरसाती बदरी
हैं ये घायल
बदरी मचलती
छुपा है पवन
छायी है धुंध काली
खो न जाये शबनम ये
बरसती
नाह रहे हैं फूल मतवारे
महका रहे हैं
बना रहे हैं समा सुहाना
ओढ़ न लें ये कहीं कुहासे की
चादर

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21 OCT 2019 AT 14:33

अगर साथ तुम्हारा छूटा,
परेशानियों की काली बदरी ही तो हैं,
बरस कर बादल फिर से खुल जाएगा,
तुम हौसला न छोड़ना,
हाथ हमारा डट कर पकड़े रखना,
अगर साथ छूटा हाथ हमारा छूटा,
तो ये दिल सह न पाएगा,
ख़त्म हो जाएंगे हम,
ख़त्म हो जाएगा सब।

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23 JUN 2021 AT 6:21

अहसास अपनेपन का...!!

बेवक्त बरस जाते है, आंसू बदरी की तरह
पाते ही अहसास.... अपनेपन का किसी से

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