जब तुम घूरते हो मुझे
उग आती है मेरी पीठ पर आँखें-
5 JUN 2020 AT 17:19
Best Friend
ज़िंदगी में एक शख़्स ऐसा भी होता हैं ,
मुंह पर कड़वा पीठ पीछे मिठा होता हैं।
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21 MAY 2020 AT 11:31
आजकल ज़माना जाली!
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चेहरा साफ़, दिल में दाग़ !!
मुँह पर आप, पीठ पीछे साँप !!-
19 APR 2018 AT 1:52
उभर आएँ हैं
मेरे बिस्तर की सिलवटों में
आज वो सारे अक्षर,
जो कल तेरी उँगलियों ने
मेरी पीठ पर लिखे थे।।-
11 NOV 2020 AT 19:50
मेरे अपनों ने पीठ पर कुछ ऐसा सिला दिया
क़त्ल किया लाश जलाई ख़ंजर दफ़ना दिया-
25 SEP 2019 AT 0:45
कुछ कविताएँ
सिर्फ कविताएँ नहीं होतीं।
कवि की पीठ पर
समय के नाखूनों के निशान होते हैं।-
1 JUL 2017 AT 1:53
पीठ पे बिठा के जो दुनिया दिखाता था
दुनिया देख के बेटा उसे पीठ दिखाता है।।-