अनमोल बेमिसाल ,लाजवाब होते है.......
ये जिंदगी ये तूने क्या किया खुद अपने सपनों को पूरा करते अपने को ही भूल गए।,......
ये जिंदगी ये तूने क्या किया
भूल गए उन लम्हों को जो बिताया अपनो के साथ
ये जिंदगी ये तूने क्या किया.......
लौटा दे मेरी उन यादों को को सपनो से बढ़कर अपने होते थे
ये जिंदगी ये तूने क्या किया....
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*° *˛☆_Π____*_
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🌈| 田田 |門| सब हटाओ मेरे लिए चाय
*🌴╬═🌴╬╬🌴बनाओ 😍चाय बनाना तो आता है ना 🙄 कैसे बनाना है मे बताता हूँ
😍लाइन से आओ ठीक है-
सुनो!
सूखे गुलाब जब
किताबों में मिल जाते है
जाने कितने "अनकहे"
अहसास याद आ जाते है
बिखरी सी "पंखुड़ियां "
बहुत कुछ कह जाती है
टूटे हुए ख्वाबों की दरक
फिर कसक दे जाती है.-
~ पीड़ा ~
दर्द में भी वो सुखद अनुभूति होती है
प्रसव के समय मां पीड़ा होते हुए भी खुशी से रोती है
प्रेम की पीड़ा का भी यही विधान है
भले ही कृष्ण ना पा सके राधा
पर वो उनके ह्रदय में हर जगह विराजमान है
प्रेम में उठती पीड़ा को जिसने जाना है
कृष्ण-राधा की तरह वो ही दीवाना है
प्रेम जहां एक-दूसरे से दोनो तरफ से हो
वो ही रिश्ता खुदा की तरफ से हो 💎♥️
-Neha💎 soni-
आओ जाने .......
इस झाहा की अनसुलझे से दस्तूर....
लोग कहते है। मैं सुरत पे नहीं सीरत पर मरता हूं
असलियत तो यह ये बंदे
वो सीरत पर नहीं....
वो मतलब तक आपको झेलता हैं-
ये मत समझना तुम ,की हम मोहब्बत नहीं करते
ये मत समझना तुम ,की हम मोहब्बत नहीं करते
मगरुर तुम भी हो कहीं, मगरुर हम भी है कहीं
बस फर्क इतना है...बस फर्क इतना है
की तुम किसी और मै मसरूफ हो,और हम तुममें ही मसरूफ है-
है सब मुश्किलों से बाहर निकलना, सभी उलझनों से बाहर निकलना,
अपने आप को खुश रखना का ,एक ही तरीका।
सबको खुश करना छोड़ दो।-
इन बेजुबान परिंदे से पूछिए जनाब.......
जो इस नील गगन के नीचे,करते है बसेरा
चहचाहाट से कहते हैं हो गया सवेरा
यू उड़ानों को भरने में ,तनिक भी। ना कतराते हैं
तिनके तिनके से बनाकर घर ,करते है रैन बसेरा
चुन चुन लाकर दाना,मिटाएं अपनी चूजो की भूख
फिर भरी उड़ान कुछ ,कर दिखाने की
इसी आस में निकल गए कुछ ज्यादा दूर
उनकी क्या पता फिर हो जाएंगे मिलने को मजबूर
प्राकृतिक तबाही बन गया था,नासूर
खो देने का डर .........
बेजुबान परिंदे से पूछिए जनाब........
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