जो है दिल में वो कह दो ना।
वक्त का दस्तूर और इश्क का जुनून।
ज्यादा दिन नहीं चलता।
कर दो अब इजहार , कही अा ना जाए दरार।
अब किस बात का हैं इंतेज़ार-
अनमोल बेमिसाल ,लाजवाब होते है.......
ये जिंदगी ये तूने क्या किया खुद अपने सपनों को पूरा करते अपने को ही भूल गए।,......
ये जिंदगी ये तूने क्या किया
भूल गए उन लम्हों को जो बिताया अपनो के साथ
ये जिंदगी ये तूने क्या किया.......
लौटा दे मेरी उन यादों को को सपनो से बढ़कर अपने होते थे
ये जिंदगी ये तूने क्या किया....
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अब किसका इंतजार है
बड़ आगे तू अपनी जिंदगी में,
छू लो उन बुलंदियों को,जिसकी तू हकदार हैं।
छोड़ दो दरिंदो के झूठी वादो को, जो विश्वाश दिलाते हैं हरवक्त साथ निभाने की,
दिखा दे इन दरिंदो को, की जरूरत नहीं है,तेरी साथ निभाने की,
तेरे जैसे पड़े हैं,लाखो मेरे पैरो के किनारों पर,
अब बुलंदी को छूना मेरी,जरूरत ही नहीं मेरी ,जिद्द बन गई है।
क्युकी तेरे साथ इस दुनिया को भी दिखाना है
तुमसे अच्छा कर सकते है,बिना किसी के अहसानों से।
गुरूर, हैं मुझे अपने खुदा पर,जो मा,बाप के रूप में पाया है,जो बिना किसी मतलब के हरवक्त साथ निभाया।
अब तू बाद अपनी जिंदगी में-
लाचारी की ।
इस बड़ती बीमारी से।
अब तक होता था,बीमारियों से रिश्तों में दूरियां
अब दूरियां ही रिश्तों को बचाने की दवा बन गई-
थोड़े से तापमान में ,मै पिघल कैसे जाती हूं।
मुझे भी उस पत्थर की तरह बनना है
जो ज्यादा तापमान ,क्या आग भी उसको पिघला न सके।
क्युकी ये दुनिया बहुत ही जल्लाद है जनाब
मोमबत्ती की तरह जिओगे तो दुनिया रूलाएगी
इसलिए पत्थर बनो दोस्त,
दुनिया क्या कहती है,इसकी चिंता बिल्कुल भी न करे
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कभी कभी जिंदगी ऐसे मोड़ पर आ जाती हैं
गलती ना करने के बावजूद भी,सजा भुगदनी पड़ती हैं
कुछ तो किस्मत का कुशुर,कुछ तो महान लोगो की मेहरबानी।-
खूब लड़ी मर्दानी वो झासी वाली रानी थी।
छोड़ दो कुछ फालतू के शौक़ लड़कियों
उठाओ हथियार फिर से लिखते है एक नई कहानी।
कुछ नहीं कर सकती हैं ये सरकार,
जब न्याय दिलाने की आती बारी
करना ही अपनी रक्षा ,भूल जाओ दुनियादारी
अब छोड़ो अपने पास महंगे मोबाइल रखने की ख्वाहिश ,और रखो एक रिवालवर की चवाईस
और उड़ा दो उन गिद्ध को जो तुम्हे नोचना चाहे
कभी ना करना भरोसा,चाहे जितना विस्वास दिलाए
क्युकी ये कलयुगी दुनिया ,रावण के भेष में लगाए राम का मुखौटा करते है पुरुष उत्तम राम का तिरस्कार।
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आपके अल्फ़ाज़ जो कभी सोचा ना था
कहने को चल रही है जिंदगी।
बस थोड़ी सी जान बची है।
कुछ तो कुदरत का कहर और कुछ तो दुनिया की मेहरबानी-
तो किस बात का लफड़ा
वहीं चाल, वहीं ढाल तो
किस बात का,लग गया तुममें एक आग
जरा बदलिए अपना नजरिया,साहब
वरना हो सकता ,myopia or hypropia
हमने कुछ नहीं बदला😆😆😆😆-