रिश्ते निभाने के लिए "बुद्धि" नहीं..!
दिल की "शुद्धि" होनी चाहिए..!!
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कोई कह रहा था साथ निभाने को
जाते वक्त कुछ भी बता कर नहीं गया
उम्दा की थी रोशनी की बातें बहुत मगर
टूटा दीपक दर मेरे जला कर नहीं गया-
ज़माने में टूटते हैं तो सिर्फ़ साथ निभाने वाले,
फरेबी लोगों का तो पेशा ही दिलों से खेलना।-
महसूस होता है तेरा इश्क जब भी ,
ये दिल किसी का हो नहीं पाता ,
हम खुद ही रहते हैं नाराज खुद से ,
और तू भी तो वापस नहीं आता ,
साथ निभाने के मेहेज किए वादे थे ,
पर ये दिल भूल भी तो नहीं पाता ।।-
वादा निभाने में रस्में नहीं होती,
ना होता इश्क़ तो कसमें नहीं होती।-
क़यामत तक साथ निभाने का वादा
फिर तेरा किसी और पर मरना
क़यामत ही ला दी तूने।-
दोस्तों ये तो कोरोना के टैस्ट हो रहे है इसलिए इतने सारे लोग पॉजिटिव आ रहे है कभी इन्सानियत व जो सच्चे प्यार के वादे और निभाने की कसमे लेते है उनकी टैस्ट कराकर देखो अच्छे - अच्छे नैगेटिव आयेंगे .....
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