दिल को पहुँचती है आहत,
गर बेहद्द हो जाए किसी से चाहत.-
मेरे दिल को अब आप की आरजू है,
अंधेरों में भी आप ही रू-ब-रू हैं.!
उजालों में भी आपका नूर शामिल,
ये तन्हाईयां भी बनी जैसे महफ़िल!
ग़ज़ब की वफाओं में ये ज़ुस्तजू है.!
अंधेरों में..
ये सहमी नज़र का है इज़हार समझो,
कभी तो सितमगर मेरा प्यार समझो?
झलक हसरतों की मुझे चार-सूं है!
अंधेरों में..
दिखा दो न जलवा दीवाना बना दो,
सुलगता है मौसम सुहाना बना दो,
मोहब्बत है हासिल हमारा सुकूँ है.!
अंधेरों में...
सिद्धार्थ मिश्र
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एक दिन मेंने दिल को
तसल्ली क्या दे दी
उसके लौटने की
दिल ने तो खुशी ख़ुशी मे धड़कना ही छोड़ दिया-
ऐसा नहीं है कि बातें करने को
और कोई है नही मेरे पास,
पर क्या करूँ दिल को
तेरे सिवा कोई भाता ही नहीं।-
जज्बात जगते है दिल में कई बार
गर मिल जाए जिनसे हो प्यार
तो तकल्लुफ न होंगी दिल को बार बार ❤-
"मुझे प्यार तेरी दिल को छू लेने वाली बातों से प्यार हुआ था
,फिर क्या फर्क पड़ता है तेरा चेहरा कैसा है !!-
तुम्हारी यादें भूले बिसरे गीत सुना जाति है।
अब दिल को चैन कहां, अब कहां नींद आती है।।-
कौन कहता हैं कि प्यार सिर्फ सुंदर चेहरे से होता हैं
कभी कभी दिलको छूनेवाली शायरी से भी होता हैं-