एक उम्र बीत गई।
वो आस टूट गई।।
वो कातिल भी है,
हमदर्द भी।।-
(° . °) myself Rishu raj, u can call
( ❤️ ) (ऋषि)
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जो हो रहा वो तो होना था।
एक दिन दिल को कही न कहीं तो खोना था।
तुमपे खो गया तो भला क्या दर्द है।
तुम ना मिले शायद ऐसे ही होना था।
अब तो खुद मालूम नहीं क्या करता हूं।
दिनों में सोता, रातों को जागता हूं।
तुम से फिर मैं बस एक बार मिल जाता।
ये दिल है जो बाज नहीं आता।
कोई करता है याद हमे भी।
पर कोई तुमसा याद नहीं आता।
चलो खून की उल्टिया ही लिखी है नसीब में।
एक तुझे नज़र नहीं आता, एक उसे नजर नही आता।
इतनी तूफान मची है मेरे जेहन में।
फिर भी मेरे जेहन से तुम्हारा नाम नहीं जाता।।-
पहले थी सुकून की जिंदगी।
अब सूरज ढले, फिर भी रात नहीं होती।
ऐसा भी नहीं, ये चांदनी रात नहीं पसंद।
बस मेरी उनसे बात नही होती।।-
कोई जरूरत नहीं बुजदिलों की,
कोई आए तो सेर आए।
जब बात हो भारत पे मर मिटने की।
जो भी आएं, समसेर आएं।-
प्यार की चोट भी गजब है गालिब।
कुछ संभल जाते है।
कुछ हम जैसे हो जाते है।।-
ना तू कभी याद करे, ना उस खुदा को याद आऊं।
मेरी ये बेजार जिंदगी, तेरी यादों से सुरु, तेरी यादों में रह जाऊं।।-
वो भी खुशनशीब है, तुम्हारी याद में।
जो मयखाने को चले जाते है।।
वो मदहोश सुबह शाम है।
बस हम बेहोश रह जाते है।।
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अब मोहब्बत का न कद्र है, ना मलाल रहा।
भवरे मड़राते रहे, वो फूल खिलखिला रहा।।-
यार, मेरे यार ने भी क्या कमाल किया।
मन किया, बिन मौसम बरसात किया।
ऐसे लत लगी उन नम ज्यादा आंखों का।
मेरे भी आंखों का बुरा हाल किया।।-
मिल जाता हैं भगवान, पर ऐशो आराम नहीं मिलता।
ढूंढा बहुत, बिन चाहत कोई इंसान नहीं मिलता।।-