तुम हमे छोड़ के चले गए तो क्या हुआ मेरे दोस्त।
तुम्हारी हर एक बात काफी है इस जिंदगी के लिए।।-
*ठाकुर का त्याग*
मिट्टी के लिए मरने का जज्बा ठाकुर साहब का
चूल्हा मिट्टी का...मिट्टी तालाब की... तालाब ठाकुर साहब का...
कोई प्यासा ना मरे, जिम्मेदारी ठाकुर साहब की।
भूख रोटी की... रोटी बाजरे की... बाजरा खेत का... खेत ठाकुर साहब का...
ठाकुर साहब भूखे का...
बैल ठाकुर साहब का... हल ठाकुर साहब का... हल की मूठ पर हाथ किसान का...
किसान की हर जरूरत पूरी करने की जिम्मेदारी ठाकुर साहब की...
गांव ठाकुर साहब का... शहर ठाकुर साहब का... देश ठाकुर साहब का...
ठाकुर साहब इन सब का...
लेकिन लोकतंत्र में अब क्या है ठाकुर साहब का...
जिनके लिए लडा ठाकुर फिर क्यों उनकी ही नजरों में बुरा ठाकुर...
-
मैं वो हूँ
जिसके नाम से पूरी दुनिया जलती है
और बनना सब मेरे जैसा चाहते हैं !!-
घुड़ चढ़ी घुड़वारी बनी
रण चढ़ी भटियाणी
राष्ट्र के खातिर शीश काट दियो
वा थी हाड़ी_राणी-
........ठाकुर--------राजपूत
हड्डियाँ तोड़ते है
........कभी किसी का दिल नही
सबका साथ देते है
........अकेला छोड़ते नही-
क्षत्रिय धर्म को भूल,राजपूत हम बन गये !
छोङे सारे क्षत्रिय सँस्कार, अँहकार मे तन
गये !
क्षत्रिय धर्म मे पले हुए हम शिर कटने पर भी
लङते थे !
दिख जाता अगर पापी ओर अन्याय कहिँ
शेरो कि भाँती टूट पङते थे !
शेरो सी शान,हिमालय सी ईज्जत,और
गौरवशाली इतिहास का
पूरखो ने हमे अभयदान दिया
ईतिहास का हमने अपमान किया
भूल गई क्या दूनिया सम्मान की खातिर लाखो
क्षत्राणियो ने अग्नी श्नान किया !!-
बात जब अपने स्वाभिमान की हो
और राजपूताना के सम्मान की हो
तो फिर पीछे हटते नहीं हम
चाहे बाजी फिर जान की हो !!-
जब बहता है भारत माँ की शान में
या फिर बहनों की आबरू को बचाने में पता चल जाता है यह वह बात है जो बोलकर कर बताई नहीं जाती-